गुजरात: नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह आज, इनको मिल सकती है जगह, पढ़ें पूरी लिस्ट
गुजरात में नए मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेंद्र पटेल के शपथग्रहण करने के बाद बुधवार को नए मंत्रिमंडल का शपथ विधी समारोह है. हालांकि अभी साफ तौर पर कुछ भी कह पाना मुश्किल है, लेकिन ये तय है कि इस बार नए और युवा विधायको को मंत्रिमंडल में देखा जाएगा. शपथग्रहण समारोह सुबह 11 बजे से राजभवन में शुरू होगा. वहीं मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए बीते दिनों में लगातार मंत्री बीजेपी कार्यलय के चक्कर काटते हुए नजर आ रहे थे.
वहीं इस बात की भी पूरी संभावना है कि डिप्टी सीएम नितिन पटेल समेत कई पुराने मंत्री नए सीएम के साथ भी बने रहेंगे. बता दें कि भूपेंद्र सिंह चुडास्मा, आरसी फाल्दू और कौशिक पटेल विजय रूपाणी के मंत्रिमंडल में मौजूद थे. ऐसे में अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए पार्टी खासतौर पर वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी.
गुजरात के नए मंत्रिमंडल में इनका स्थान पक्का माना जा रहा है
आत्मा राम परमार- गढडा विधानसभा सीट से विधायक हैं
2017 रुपाणी की सरकार मे ये समाजिक कल्याण विभाग के मंत्री थे. 2017 मे वो हार गये थे, लेकिन 2019 मे कांग्रेस के विधायक ने पद से त्याग पत्र दे दिया था. जिसके बाद उपचुनाव में आत्माराम जीते थे. राज्य में वो अनुसिचित जाति के बडे नेता माने जाते हैं.
जगदीश पंचाल
अहमदाबाद के निकोल विधानसभा से विधायक हैं. जमदीश अमित शाह की गुड बुक के नेताओं की लिस्ट में शामिल हैं और ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं.
राकेश शाह
अहमदाबाद के एलिस ब्रिज विधानसभा से विधायक हैं. वो जैन समाज का प्रनिधिनत्व करते है. राकेश एक नॉन कॉन्ट्रोवर्सियल चेहरा हैं.
दुष्यंत पटेल
भरुच से विधायक हैं. दुष्यंत को सीआर पाटिल की गुड बुक का नेता माना जाता है. मध्य और दक्षिण गुजरात के व्यवसाइक घरानो से उनका अच्छा ताल्लुक माना जाता है.
निमिषा सुथार
मोरवा हडफ विधानसभा से विधायक हैं. महिला विधायक हैं. आदिवासी समाज में से आती हैं.
प्रद्युमन सिंह जाडेजा
कच्छ के अबडासा विधानसभा से विधायक हैं. मूल भाजपाई हैं लेकिन 2017 में इन्होंने कांग्रेस से इलेक्शन लडकर जीता था. पर बाद मे 2019 में बीजेपी में वापस शामिल हो गये थे. कच्छ में वो क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखते हैं
पटेल गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री
भूपेंद्र पटेल को रविवार को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था और सोमवार को गांधीनगर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई थी. शपथ ग्रहण समारोह में देश के गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. भूपेंद्र पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है. जानकारों की माने तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने के पीछे आनंदी बेन पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बीजेपी शासित राज्यों में सीएम पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री
कोरोना वायरस महामारी के दौरान बीजेपी शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने इस साल 7 अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर 5 साल पूरे किये थे. वहीं दिसंबर 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, बीजेपी ने चुनाव में जीत के लिए पटेल पर भरोसा जताया है, जो कि एक पाटीदार हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य विधानसभा की 182 सीटों में से 99 सीटें जीतीं थी जबकि कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं.