September 22, 2024

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022: यूपी में 17 OBC सम्मलेन करने वाली है बीजेपी, गैर-जाटव दलित वोटों पर भी नजर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. किसान आंदोलन और लखमीपुर हिंसा जैसी घटनाओं के चलते बीजेपी को नुकसान होने की आशंकाओं के कारण संगठन ने जातीय गोलबंदी और समीकरण साधने पर विशेष जोर देना शुरू कर दिया है. संगठन ने स्थानीय नेताओं से कहा है कि वे अपने इलाके के जातीय क्षत्रपों को साधने में लग जाएं. बीजेपी 17 अक्टूबर से यूपी में अलग-अलग जगह 17 OBC सम्मलेन कराने की रूपरेखा तैयार कर चुकी है और इन कार्यक्रमों के जरिए ही जातीय क्षत्रपों को अपने पाले में लाने की कोशिश की जाएगी.

मिली जानकारी के मुताबिक 17 अक्टूबर से प्रदेश में पिछड़ी, अति पिछड़ी जातियों के अलग-अलग सम्मेलन करने जा रही है, इनमें अपनी जातियों में प्रभाव रखने वाले चेहरों पर फोकस रहने वाला है. साल 2017 की तरह ही इस साल भी बीजेपी अगड़ों के साथ-साथ पिछड़ों के वोट बैंक को भी ख़ासा तवज्जो दे रही है. पिछले चुनावों में भी यादव छोड़कर अन्य पिछड़ी जातियों ने बीजेपी का भरपूर समर्थन किया था. इन सम्मेलनों के जरिए बीजेपी एक बार फिर इन्हीं पिछड़ों और अति पिछड़ों को साधने में जुटी है. इसके अलावा बीजेपी की नज़र मायावती और बसपा से छिटके गैर-जाटव वोटबैंक पर भी है. बीजेपी ऐसे चेहरों को तलाश रही है जो कि अपने मोहल्ले, गांव या इलाके में सजातीय लोगों पर प्रभाव रखते हैं. इनके जरिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और वादों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा. इन सम्मेलनों को कराने का जिम्मा ओबीसी मोर्चा को सौंपा गया है.

17 OBC सम्मलेन होना तय, और भी बढ़ सकती है संख्या

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक अभी तक ओबीसी की 17 जातियों के सम्मेलन की रूपरेखा तय हो चुकी है. बीजेपी OBC की हर जाति को केंद्र में रखकर एक सम्मलेन आयोजित कराने के प्लान पर काम कर रही है. यह प्रदेश स्तरीय सम्मेलन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गन्ना संस्थान और पंचायती राज संस्थान के सभागार में होंगे. जिस जाति का सम्मेलन होगा, उसके एक से लेकर दो हजार तक लोगों की उपस्थिति का लक्ष्य रखा गया है.

इन सम्मेलनों के जरिए पार्टी की योजना पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति के बुद्धिजीवी लोगों को जोड़ने की है. इन जातीय सम्मेलन में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रधान, पूर्व प्रधान, मौजूदा और पूर्व जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, सामाजिक और जातीय संगठनों के मुखिया सहित संबंधित जाति के अन्य प्रभावशाली चेहरों को आमंत्रित किया जाएगा. इन जातीय सम्मेलनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यंमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित अन्य प्रमुख चेहरे शामिल होंगे.


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