उत्तर प्रदेश: अब मदरसों में मैथ्स और साइंस समेत सात विषय होंगे अनिवार्य, IT सेल भी बनाया जाएगा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसों की पढ़ाई को आधुनिक बनाने के लिए अहम फैसला किया है. इस फैसले के तहत अब उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद में इतिहास, नागरिक शास्त्र, गणित और विज्ञान की भी पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है. मदरसों में कक्षा 1 से 12 तक सभी कक्षाओं में इन विषयों को अनिवार्य कर दिया गया है और अगले शैक्षणिक स से इसे लागू कर दिया जाएगा. असल में अभी तक उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी ही मदरसों में अनिवार्य विषय थे, लेकिन नए विषयों के शामिल हो जाने के बाद अब कुल सात विषय अनिवार्य होंगे। मदरसा बोर्ड सीबीएसई के सिलेबस के अनुसार एनसीईआरटी की किताबों से अपनी पढ़ाई करवाएगा.
मंगलवार को हुई नवगठित उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई मदरसा बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि भारत का इतिहास, नागरिक शास्त्र, तहतानिया (प्राइमरी), फौकानिया (जूनियर हाईस्कूल), मुंशी/मौलवी (हाईस्कूल) एवं आलिम (इंटरमीडिएट) और प्रारंभिक गणित विषय में प्रारंभिक गणित विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा. दरअसल अभी तक मदरसों में ये विषय केवल वैकल्पिक थे. बैठक में कामिल (स्नातक) व फाजिल (परास्नातक) की परीक्षाएं 25 से 30 अक्टूबर तक कराने का निर्णय लिया गया.
वहीं मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि बोर्ड की बैठक में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स करने का फैसला लिया है और नियमित नियुक्ति होने तक तीसरी क्लास के पद आउटसोर्स से भरे जाएंगे. इसके साथ ही बैठक में पासपोर्ट बनवाने के लिए डिग्रियों के सत्यापन के काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए.
ऑनलाइन होगा काम
मदरसा बोर्ड का कामकाज अब और पारदर्शी और आधुनिक होने जा रहा है. इसके तहत बोर्ड के सभी काम ऑनलाइन किए जाएंगे और इसके लिए एक आईटी सेल का गठन किया जाएगा. यही नहीं मदरसा बोर्ड के पुराने रिकॉर्ड को भी यहां डिजिटाइज्ड करने की प्रक्रिया शुरू होगी. लिहाजा मदरसों में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को छोटे-छोटे कामों के लिए मदरसा बोर्ड के चक्कर नहीं लगाने होंगे और सुविधाएं ऑनलाइन मिलेंगी. सिंह का कहना है कि ऑनलाइन होने के बाद भविष्य में ई-ऑफिस भी शुरू किया जाएगा.