September 23, 2024

‘अटकाने-लटकाने वाली नीतियां नहीं…सिंगल विंडो से हो रहा काम, अपने दम पर बड़ी सैन्य ताकत बनेगा भारत’, बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विजयादशमी के पावन अवसर पर सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज ही पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब की जयंती भी है. कलाम साहब ने जिस तरह अपने जीवन को शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समर्पित किया, वो हम सबके लिए प्रेरणा देने वाला है. रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं, वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी.

आज विजयादशमी के पावन पर्व पर राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए, राष्ट को अजेय बनाने के लिए, जो लोग दिन रात खपा रहे हैं, उनके सामर्थ्य में और अधिक आधुनिकता लाने के लिए, एक नई दिश की ओर चलने का अवसर वो भी विजयादशमी के पावन पर्व पर ये अपने आप में ही शुभ संकेत लेकर लेकर आता है.

दशकों से लटके काम हो रहे पूरे

पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है आजादी के इस अमृतकाल में देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है और जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा भी कर रहा है. 41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं. ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था. मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेंगी.

ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों का दम-खम दुनिया ने देखा

विश्व युद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों का दम-खम दुनिया ने देखा है. हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था. आजादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रियों को upgrade करने की, न्यू एज टेक्नोलॉजी को अपनाने की, लेकिन इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया. कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा. इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं. ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है.

बड़ी सैन्य ताकत बनेगा भारत

प्रधानमंत्री बोले आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है, भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का है. पिछले सात वर्षों में देश ने ‘मेक इन इंडिया’ के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है. आज देश के डिफेंस सेक्टर में जितनी पारदर्शिता है, विश्वास है और टेक्नोलॉजी को लेकर जो नजरिया है, उतना पहले कभी नहीं देखा गया.

अटकाने-लटकाने वाली नीतियां नहीं

आज़ादी के बाद पहली बार हमारे डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े बदलाव हो रहे हैं, अटकाने-लटकाने वाली नीतियों की जगह सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है. कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा. इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं. ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है.

कौन सी हैं वो सात कंपनियां

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा उद्योग संघों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. जिन सात नई रक्षा कंपनियों को शामिल किया गया है, उनमें मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड ; बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (अवनी); एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूई इंडिया); ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल); यंत्र इंडिया लिमिटेड , इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल); और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) के नाम शामिल हैं.


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