दिल्ली में अफगानिस्तान की स्थिति पर 8 देशों के NSA ने जताई चिंता, डोभाल बोले- बैठक से निकलेगा हल! वार्ता पड़ोसी देशों के लिए भी अहम
दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक शुरू हो गई है जिसकी अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं. यह बैठक अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबानी सरकार के काबिज होने से पैदा हुईं चुनौतियों के मद्देनजर आयोजित की गई है. क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में अफगानिस्तान के घटनाक्रम, अफगान धरती से आतंकवाद के संभावित खतरे और युद्ध से जर्जर देश में मानवीय संकट पर चर्चा हो रही है. एनएसए की इस बैठक में भारत के अलावा उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, रूस, ईरान, कजाख्स्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं.
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा, हम सब आज अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर बात करने के लिए इकट्ठा हुए हैं. आज इस बैठक की मेजबानी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है. हम सब अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को गौर से देख रहे हैं. ये सिर्फ अफगानिस्तान के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों और क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं.
उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श प्रोडक्टिव व उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे.
It is a privilege for India to host this dialogue today. We have been keenly watching the developments in Afghanistan. These have important implications not only for the people of Afghanistan but also for its neighbours and the region: NSA Ajit Doval pic.twitter.com/l1W2x3IqvV
— ANI (@ANI) November 10, 2021
कजाकिस्तान ने कहा- अफगानिस्तान को सहायता की जरूरत
कजाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव ने बैठक में कहा, हम अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. अफगानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है और देश मानवीय संकट का सामना कर रहा है. अफगानिस्तान में मानवीय सहायता बढ़ाने की जरूरत है.
ताजिकिस्तान ने ड्रग्स तस्करी और आतंकवाद को लेकर जताई चिंता
अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में शामिल हुए ताजिकिस्तान सुरक्षा परिषद के सचिव ने कहा, ताजिक-अफगान सीमाओं पर स्थिति जटिल बनी हुई है. चूंकि अफगानिस्तान के साथ हमारी सीमा की लंबाई अधिक है इसलिए, वर्तमान स्थिति में मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद का खतरा भी ज्यादा बढ़ गया है.
अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में शामिल ताजिकिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव नसरुल्लो रहमतजोन महमूदजोदा ने बैठक में कहा, ‘हम पड़ोसी देश के रूप में उन सभी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए तैयार हैं जिससे अफगानिस्तान के लोगों की मदद हो सकती है.’
ईरान को उम्मीद- निकलेगा अफगानिस्तान की समस्या का हल
ईरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव, रियर एडमिरल अली शामखानी ने कहा कि अफगानिस्तान में पलायन की समस्या विकट है, जिसका समाधान एक समावेशी सरकार के गठन और सभी जातीय समूहों की भागीदारी के साथ आ सकता है. उम्मीद है कि इस समस्या को हल करने के लिए एक तंत्र बनेगा.
किर्गिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव मरात एम इमांकुलोव ने बैठक में शामिल होकर कहा, हमारे क्षेत्र में और पूरी दुनिया में यह बहुत कठिन स्थिति है. यह मामला अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों से जुड़ा है. संयुक्त प्रयासों से अफगान के लोगों को मदद दी जानी चाहिए.
अफगानिस्तान पर तालिबान के पूर्ण नियंत्रण के बाद वहां से बढ़ रहे आतंकवाद, कट्टरपंथ और मादक पदार्थों की तस्करी के खतरों से निपटने के लिए ठोस सहयोग पर समान विचार बनाने के लक्ष्य से भारत इस वार्ता की मेजबानी कर रहा है. डोभाल बुधवार को रूस और ईरान के एनएसए के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे.