हमें अपनी “मातृभूमि, मातृभाषा और मातृदेशम” का सम्मान करना चाहिए: सीजेआई
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने देश की “मातृभूमि, मातृभाषा और मातृदेशम” का सम्मान करने की प्रथा को जारी रखने पर जोर देते हुए कहा कि परंपराओं का पालन करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि संविधान के सिद्धांतों का पालन करना।
मुख्य अतिथि के रूप में पुरस्कार समारोह 2020 और 2021 पुरस्कार समारोह के दौरान एक कार्यक्रम में बोलते हुए चीफ जस्टिस रमना ने कहा, ”जितने कोविड-19 वेरिएंट आए हैं, उनपर भारतीय वैक्सीन का अच्छी तरह से काम कर रही है। कई कंपनियां भारतीय वैक्सीन के खिलाफ काम कर रही हैं, लेकिन इसे सफलता मिली। हमें अपनी मातृभूमि, मातृभाषा और मातृदेशम का सम्मान और प्रेम करना चाहिए।”
हैदराबाद कल डॉ. रामिनेनी फाउंडेशन यूएसए द्वारा आयोजित एक मेगा पुरस्कार समारोह का गवाह बना। रमना ने कोविड-19 वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला और कई अन्य लोगों को उनकी मेधावी सेवाओं के लिए डॉ रामिनेनी फाउंडेशन पुरस्कार प्रदान किए।
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने डॉ रामिनेनी फाउंडेशन यूएसए की प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉ अय्याना चौधरी रामिनेनी संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत की संस्कृति को जीवित रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीजेआई रमना ने कहा, “भारत बायोटेक नवाचार के लिए खड़ा है। हम तकनीक के मामले में दुनिया में अग्रणी हैं। मुझे हमारे समाज के प्रति उनके प्रयासों के लिए सभी प्रेरक व्यक्तित्वों को पुरस्कार प्रदान करते हुए खुशी हो रही है।”
डॉ रामिनेनी फाउंडेशन यूएसए ने अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनू सूद को उनके “समाज के प्रति अनुकरणीय योगदान” के लिए ‘प्रतिका पुरस्कार – 2020’ से सम्मानित किया। यह कार्यक्रम हैदराबाद के गाचीबोवली में वित्तीय जिले के अन्वाया सम्मेलनों में आयोजित किया गया था।