उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर हुआ सकारात्मक विकास, चीनी सेना से बातचीत जारी: सेना प्रमुख
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘बीते साल जनवरी से, हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सकारात्मक विकास हुआ है. उत्तरी सीमाओं पर, हमने संचालनात्मक तैयारियों के उच्चतम स्तर को बनाए रखना जारी रखा, साथ ही बातचीत के माध्यम से पीएलए (चीनी सेना) के साथ जुड़ना भी जारी है. कई इलाकों में आपसी सहमति से डिसइंगेजमेंट (सैनिकों को पूरी तरह से हटाने की प्रक्रिया) हुआ है.’
हर साल 15 जनवरी से पहले सेना प्रमुख मीडिया से मुखातिब होते हैं. इस दिन (15 जनवरी) देशभर में सेना दिवस मनाया जाता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आगे कहा, ‘बुनियादी ढांचे का विकास समग्र रूप से किया जा रहा है. सड़कों और पुलों का निर्माण हो रहा है. नागरिक के लिए तैयार बुनियादी ढांचे का दोहरा उपयोग हो रहा है.’ उन्होंने चीन के मामले में कहा, ‘खतरा कभी कम नहीं हुआ है और हमारी तरफ से सौनिकों का स्तर बढ़ाया गया है.’
LOC से घुसपैठ की कोशिशें हुईं
सेना प्रमुख ने कहा, ‘पश्चिमी मोर्चे पर विभिन्न लॉन्च पैड पर आतंकवादियों को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है. नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ के बार-बार प्रयास किए गए हैं. इससे एक बार फिर हमारे पश्चिमी पड़ोसी के नापाक मंसूबे उजागर होते हैं. हालांकि संघर्ष विराम समझौते के बाद प्रगित हुई है.’ उन्होंने नागालैंड को लेकर कहा, ‘आरोपियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी और नागालैंड की घटना की जांच पूरी होने के बाद एसओपी में और सुधार किया जाएगा.’
पूर्वोत्तर की स्थिति पर क्या बोले?
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पूर्वोत्तर को लेकर कहा, ‘पूर्वोत्तर में स्थिति नियंत्रण में है. सेना की कई बटालियनें हटाई गई हैं. भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स बटालियन बढ़ाने की योजना है.’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 8 अभियानों में 5300 सैनिक तैनात हैं. चीन की कोशिशों पर सेना की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही है. हमें योजनाओं की समीक्षा करने और अपनी तैयारियों को देखने का अवसर मिल रहा है.’