अब राजभर कराएंगे अखिलेश-चंद्रशेखर की दोस्ती! बोले- अपने कोटे से सीटें एडजस्ट करने के लिए तैयार हूं
यूपी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर के बीच दोस्ती टूट गई. हालांकि अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चीफ ओम प्रकाश राजभर ने ऐलान किया है कि वे एक बार फिर अखिलेश और चंद्रशेखर को पास लाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. राजभर ने ये ऐलान भी किया है कि चंद्रशेखर को गठबंधन में लाने के लिए वे अपने कोटे की सीटों में भी एडजस्टमेंट करने के लिए तैयार हैं. राजभर ने बातचीत में कहा कि चंद्रशेखर लेंगे और उन्हें पश्चिमी यूपी में ही सीटें देने की पूरी कोशिश की जाएगी.
इससे पहले रविवार को भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यदि सपा अध्यक्ष अपना छोटा भाई कहकर मदद करने को कहें तो बिना शर्त समर्थन को तैयार हूं. एक टीवी इंटरव्यू में अ्पनी बात रखते हुए चंद्रशेखर भावुक भी हो गए. इंटरव्यू में मौजूद ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह अखिलेश यादव से चंद्रशेखर के लिए बात करेंगे. पहले ओम प्रकाश राजभर ने कहा था कि 3 दिन पहले चंद्रशेखर की तरफ से संदेश आया था कि किसी तरीके से गठबंधन में शामिल करा दें. उनके लिए 3 सीट और एक एमएलसी पर बातें हुई थी.
विरासत से तय नहीं होंगे
सियासत के फैसले,,
ये तो उड़ान तय करेगी,,
आसमान किसका है। जय भीम।।— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 17, 2022
अब क्या बोले चंद्रशेखर?
इंटरव्यू के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने कहा, उनका जन्म बहुजन समाज को आगे बढ़ाने के लिए हुआ है. उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा दी गईं दो सीटों पर कहा, 25 प्रतिशत दलितों की हैसियत क्या केवल दो सीटों की है. वी पर इंटरव्यू के दौरान ओपी राजभर भी मौजूद थे. राजभर से बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद बोले, BJP को हराने के लिए हम सबको एकता बनानी चाहिए.
उन्होंने बताया कि इसी एकता को बनाने के लिए वह अखिलेश यादव के पास गए थे. उन्होंने कहा, गठबंधन में एक भी दलित पार्टी नहीं थी. वह दलितों के हक के लिए सीटें मांग रहे थे. उन्होंने केन्द्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, मोदी ने कई बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन हुआ कुछ नहीं. अखिलेश यादव ने भी मुसलमानों को 18 प्रतिशत रिवर्जेशन का वदा किया था लेकिन पूरी सरकार बीत गई लेकिन कभी इस पर चर्चा तक नहीं हुई.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, अखिलेश यादव प्रेस कान्फ्रेंस कर ऐलान करें कि भाजपा को रोकने के लिए चंद्रशेखर की जरूरत है तो वह बिना सीट के भी सपा के साथ जानें को तैयार हो जाएंगे. चंद्रशेखर आजाद ने कहा, वह पांच सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हूं. बातचीत के दौरान आजाद ने राजभर को अपना बड़ा भाई बताते हुए वह भावुक हो गए. उन्होंने कहा, राजभर जी से पूछ लीजिए वह कभी झूठ नहीं बोलते. वह हक की लड़ाई रहे रहें. आजाद बोले, मैं ईमानदार आदमी हूं. उन्होंने कहा, अगर राजभर कहें तो वह सब छोड़ देंगे। राजभर हमारे नेता हैं, हमने कभी इनकी बात नहीं काटी.
पहले कहा था-अखिलेश को दलितों की जरूरत नहीं
इससे पहले लखनऊ में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है. चंद्रशेखर ने अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कही है. चंद्रशेखर ने कहा कि मैं स्वाभिमान की लड़ाई लड़ता हूं. दो-दो बार तिहाड़ जेल जाकर आ चुका हूं. उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई कभी भी सत्ता की नहीं रही है. उन्होंने कहा कि 1 महीना 10 दिन से प्रयास किया लेकिन अखिलेश यादव से कोई जवाब नहीं मिला, कल (शुक्रवार को) हमारा विश्वास टूट गया जब अखिलेश से कोई जवाब नहीं मिला. यह लड़ाई प्रतिनिधित्व की है. अखिलेश यादव को दलित समाज की जरूरत नहीं है, उन्हें मेरी बधाई. चंद्रशेखर ने कहा कि विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश अभी भी जारी है, हालांकि अभी भी बीएसपी से गठबंधन नहीं हुआ है.
चंद्रशेखर ने कहा कि 6 महीने पहले से बहुजन समाज को एक किया और अखिलेश यादव से मिलता रहा. अखिलेश यादव से लंबी बातचीत चली है. मैं पिछले दो दिनों से लखनऊ में हूं. उन्होंने कहा कि मेरे लोगों (बहुजन समाज के लोगों) को डर था कि हमारा नेता भी सपा के साथ रहे लेकिन लगता है कि अखिलेश को दलितों की जरुरत नहीं है. अखिलेश ने बहुजन समाज को अपमानित किया है. चंद्रशेखर ने कहा कि बहुजन समाज के अंदर एक डर था. हम कांशीराम को अपना नेता मानते हैं. चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश को वंचित वर्ग की चिंता हो या न हो मुझे इसकी चिंता है, इसलिए पीठ दर्द के बावजूद मैं दो दिनों से लखनऊ में हूं. मैंने अखिलेश के जवाब का इंतजार किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश यादव सामाजिक न्याय को नहीं समझ पाए हैं. चंद्रशेखर ने अखिलेश पर दलित मामलों में चुप रहने का आरोप लगाया. ये भी कहा कि अखिलेश यादव ने दलित लीडरशिप को नकार दिया है. उन्होंने मेरा अपमान किया. कहा कि दलित बुनियादी तौर पर अपनी रीड से खड़ा हुआ है, अपनी लड़ाई खुद लड़ेगा. उन्होंने कहा कि अब मैं बिखरे विपक्षी दलों को एक साथ करने की कोशिश करूंगा, नहीं तो सामाजिक न्याय की लड़ाई खुद लड़ूंगा.
कौन-कौन से दल हैं गठबंधन में?
सपा ने विधानसभा चुनाव के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), अपना दल (कमेरावादी), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), महान दल, टीएमसी से गठबंधन किया है. बता दें कि 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में 10 फरवरी से 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होना है. अंतिम चरण के लिए मतदान 7 मार्च को होना है. यूपी में चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.