September 22, 2024

राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 पर बोले मुख्यमंत्री गहलोत, सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त बालिका ही सुसंस्कृत समाज का आधार

आज देशभर में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. साल 2008 से यह सिलसिला चल रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चियों को अलग-अलग माध्यमों से सशक्त बनाना है. राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की बालिकाओं के नाम संदेश दिया है. गहलोत ने हौसलों की उड़ान से छू लो आसमान नाम से प्रदेशवासियों से बेटी बचाने की अपील करते हुए कहा सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त बालिका ही सुसंस्कृत समाज का आधार है.

सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि बेटियों को वर्तमान में बेटियों को उनकी हौसलों की उड़ान से आसमान छू लेने की आजादी मिलनी चाहिए. सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त बालिका ही सुसंस्कृत समाज का आधार है.

उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार ने बालिकाओं के लिए कई तरह की योजनाएं लागू की है, जिसमें किशोर बालिकाओं के आत्मसम्मान और स्वाभिमान की नई उड़ान, निशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण योजना, बालिकाओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान PCPNDT ACT राज्यभर में लागू किया गया है.

बेटियों को मिले हौसलों की उड़ान उड़ने की आजादी : गहलोत

गहलोत ने बताया कि PCPNDT ACT अधिनियम के तहत गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग परीक्षण कानून अपराध घोषित किया गया है. वहीं आमजन को भी जागरूक नागरिक बनते हुए इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करना चाहिए. इसके साथ ही बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने और उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षा क्षेत्र में राज्य भर में कई योजनाएं लागू की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी बेटियों को उनके हौसलों की उड़ान उड़ने की आजादी मिलनी चाहिए. प्रदेश की बेटियों ने देश-विदेश में राज्य और परिवार का नाम रोशन किया है.

राष्ट्र की अनमोल धरोहर है बेटियां

वहीं राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने लिखा है कि बेटियां मनुष्य समाज का गौरव, राष्ट्र की अनमोल धरोहर तथा सभ्यता की जननी होती हैं. आइए, राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बेटियों को मानसिक, शारीरिक एवं व्यावहारिक रूप से सशक्त बनाकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने का प्रण करें.

इसके अलावा राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि एक आदर्श समाज के निर्माण हेतु बालिकाओं का सशक्तिकरण आवश्यक है, आज अपने कार्य कौशल के साथ देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं. हमें मिलकर बेटियों के स्वाभिमान एवं अधिकारों की रक्षा का प्रण लेना चाहिए.


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