समाजवादी रथ पर सवार होकर नॉमिनेशन करने निकले अखिलेश यादव, बोले- ये चुनाव अगली सदी का इतिहास लिखेगा!
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से नॉमिनेशन करने के लिए निकल पड़े हैं. उन्होंने समाजवादी रथ की एक फोटो ट्वीट कर लिखा ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’ है क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा! आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लें… नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी! जय हिन्द! वहीं जानकारी के अनुसार प्रोफेसर राम गोपाल यादव मैनपुरी पहुंच गए है और शिवपाल यादव भी सैफई से नामांकन की तैयारी के लिए निकल पड़े हैं.
अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अखिलेश इस समय आजमगढ़ से सांसद हैं. करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था. करीब 20 साल पहले 2002 में आखिरी बार भाजपा इस सीट से जीती थी. उस वक्त सोबरन यादव भाजपा के उम्मीदवार थे.
ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’ है क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा!
आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लें… नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी!!
जय हिन्द!!! pic.twitter.com/uxJhRQDrWo
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 31, 2022
अखिलेश यादव के पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव फिलहाल मैनपुरी से सांसद हैं. वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गए हैं. मैनपुरी सीट से पिछली नौ बार से सपा का ही सांसद चुना जाता रहा है. मुलायम का करहल से गहरा नाता है. उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां शिक्षक भी रहे. करहल सीट पर यादव मतदाताओं का दबदबा है. यहां इस बिरादरी की आबादी 28 प्रतिशत है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, ठाकुर की 13 प्रतिशत, ब्राह्मण की 12 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 5 प्रतिशत हैं. बीजेपी ने अखिलेश की करहल सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पर कहा कि सपा अध्यक्ष अगर करहल को अपने लिए सुरक्षित सीट मानते हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी यह गलतफहमी दूर हो जाएगी.