September 22, 2024

बजट2022: 6 बड़े फैसले जिन पर टिकी हैं सबकी निगाहें, आम जनता और निवेशकों को राहत दे सकती है सरकार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी (मंगलवार) को आम बजट पेश करेंगी. उससे पहले सोमवार को राष्ट्रपति ने दोनों सदनों को संबोधित किया. सोमवार को ही देश का आर्थिक सर्वेक्षण  भी जारी होगा. बजट से पहले हर क्षेत्र के लोग और एक्सपर्ट अपनी मांग या उम्मीदों को सरकार के सामने रखते हैं. हर बजट से पहले इस तरह की राय सरकार तक पहुंचाई जाती है जिस पर सरकार अपने हिसाब से अमल करती है. आइए कुछ ऐसी ही उम्मीदों की बात करते हैं जो जनता ने सरकार से लगाई हैं. इन उम्मीदों में टैक्स बचत से लेकर कमाई पर टैक्स स्लैब  को बढ़ाने की भी मांग है. लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर भी टैक्स छूट बढ़ाने की मांग है.

1-करमुक्त आय की सीमा बढ़ने की उम्मीद

करमुक्त आय की सीमा को बेसिक एक्जेम्पशन लिमिट कहते हैं. आम जनता से लेकर अमीरों के लिए भी यह मांग पुरजोर रहती है. इस बार भी लोग चाहते हैं कि सरकार बिना टैक्स वाली कमाई का दायरा बढ़ा दे. अभी यह लिमिट 2.5 लाख रुपये की है. माना जा रहा है कि सरकार इस बजट में करमुक्त आय की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है. इससे एक बड़ी आबादी को राहत मिलेगी.

2-स्टार्टअप के लिए नई घोषणाएं संभव

ऊपर हमने आम जनता को राहत दिए जाने की बात की. कुछ ऐसी ही उम्मीद देश में तेजी से फल-फूल रहे स्टार्टअप को भी है. स्टार्टअप कंपनियां इस बजट में कुछ खास प्रावधान और छूट की उम्मीद लगाए बैठी हैं. विश्व आर्थिक मंच को हाल में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के स्टार्टअप की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने बताया था कि बेहद कम दिनों में कई स्टार्टअप यूनीकॉर्न में तब्दील हो गईं. साल 2021 में भारत की स्टार्टअप कंपनियों ने 4200 करोड़ से अधिक की राशि जुटाई है. अब इन कंपनियों की मांग है कि सरकार भी इन्हें सुविधाएं और टैक्स छूट बढ़ाने का ऐलान करे.

3-क्रिप्टोकरंसी के टैक्स पर फैसला

क्रिप्टोकरंसी में भारत का अरबों रुपया लगा है. लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कुछ नहीं कहा है कि क्रिप्टो को अवैध घोषित किया जाए या उसे वैध का दर्जा मिलेगा. इस वजह से निवेशकों में घोर असमंजस है. निवेशक चाहते हैं कि सरकार इस पर बजट में कुछ ऐलान करे. निवेशकों का कहना है कि उन्हें क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स देने में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन सरकार इसका फ्रेमवर्क लाए. टैक्स सिस्टम को लेकर निवेशकों ने बजट पर नजरें लगाई हैं.

4-रियलिटी सेक्टर की मांग

इस बजट से रियलिटी सेक्टर को कई उम्मीदें हैं. इस सेक्टर का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच रियल एस्टेट में पहले की तुलना में कुछ तेजी देखी जा रही है. सबसे अच्छी बात ये कि बैंकों से लेकर हाउसिंग कंपनियां तक ग्राहकों को बेहद सस्ते में लोन दे रहे हैं. आज होम लोन पहले की तुलना में बहुत कम है. ऐसे में सरकार को रियलिटी सेक्टर के लिए खास इनसेंटिव का ऐलान करना चाहिए जिससे कि पहले के घाटे की भरपाई हो सके.

5-खत्म होगा एलटीसीजी टैक्स?

लोगों की मांग है कि अलग-अलग निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स न देना पड़े. निवेशक चाहते हैं कि सरकार इस टैक्स को खत्म कर दे. हालांकि सरकार इसे खत्म करने से मना कर चुकी है. लेकिन आगे क्या इसमें कोई बदलाव होगा, यह देखने वाली बात होगी. निवेशक चाहते हैं कि इक्विटी शेयरों की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को खत्म किया जाए जिससे कि स्टॉक एक्सचेंज के मार्फत निवेश में बढ़ावा मिले.

6- इक्विटी निवेश पर एसटीटी हटाने की मांग

एसटीटी इक्विटी निवेश पर केंद्र सरकार की ओर से लगाया जाता है. एसटीटी टीडीएस की तरह ही होता है और यह टैक्स तब लगता है जब आप शेयर खरीदते या बेचते हैं. एसटीटी को टीसीएस और टीडीएस की तरह कलेक्ट किया जाता है. निवेशकों का कहना है कि शेयरों की खरीद-बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन, जीएसटी और सिक्योरिटीज ट्राजैक्शन टैक्स एक साथ लगाए जाने की जरूरत नहीं है.


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com