चीनी टेलिकॉम कंपनी Huawei पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, टैक्स चोरी के आरोप में IT विभाग ने मारा छापा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स चोरी की जांच के तहत देश में चीनी टेलिकॉम कंपनी हुआवेई के कई ऑफिसों पर छापा मारा है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी है. मंगलवार को दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा) और बेंगलुरु में कंपनी के परिसरों पर छापे मारे गए. सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने कंपनी, उसके भारतीय बिजनेस और विदेशी लेनदेन के खिलाफ टैक्स चोरी की जांच के हिस्से के रूप में वित्तीय दस्तावेजों, खाता बही और कंपनी के रिकॉर्ड को देखा. उन्होंने कहा कि कुछ रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं.
कंपनी ने कहा कि भारत में उसका परिचालन कानून का पालन कर रहा है. कंपनी ने एक बयान में कहा, हमें आयकर दल के हमारे कार्यालय आने और कुछ कर्मचारियों से साथ पूछताछ के बारे में बताया गया है. हुवावे को भरोसा है कि भारत में हमारा संचालन सभी कानूनों और विनियमों के अनुरूप हैं. हम अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करेंगे और नियमों के अनुसार पूरा सहयोग करेंगे तथा सही प्रक्रिया का पालन करेंगे.
Huawei को 5G सर्विसेज की टेस्टिंग से रखा गया है बाहर
सरकार ने Huawei को 5G सर्विसेज की टेस्टिंग से बाहर रखा है. हालांकि, दूरसंचार ऑपरेटरों को अपने नेटवर्क को बनाए रखने के लिए अपने पुराने समझौतों के तहत हुआवेई और ZTE से टेलिकॉम गियर प्राप्त करने की अनुमति दी गई है, लेकिन टेलिकॉम सेक्टर पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश के अनुसार किसी भी नए व्यापार समझौते में आने से पहले उन्हें सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी.
पिछले साल इन चीनी कंपनियों पर हुई थी कार्रवाई
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले साल शाओमी (Xiaomi) और ओप्पो (Oppo) जैसी चीनी मोबाइल कम्युनिकेशंस और हैंडसेट बनाने वाली कंपनियों और उनसे जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ तलाशी ली थी और दावा किया था कि भारतीय टैक्स कानून और नियमों के उल्लंघन के कारण 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बेहिसाब आय का पता चला है.
इस सप्ताह की शुरुआत में सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सुरक्षा और गोपनीयता चिंताओं का हवाला देते हुए Tencent Xriver, Nice Video Baidu, Viva Video Editor और गेमिंग ऐप फ्री फायर सहित चीनी लिंक वाले 54 और ऐप्स को ब्लॉक कर दिया था. भारत में सक्रिय चीनी समर्थित कंपनियों या संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद हुई है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारत में मोबाइल ऐप के माध्यम से इंस्टैंट लोन देने वाली चीनी नियंत्रण वाली कंपनियों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) पर छापेमारी की थी औ उनकी संपत्ति जब्त कर ली थी.