September 22, 2024

अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने किया सरेंडर, सुप्रीम कोर्ट से 23 फरवरी तक मिली थी राहत

अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने ड्रग्स मामले में सरेंडर कर दिया है. उन्हें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से 23 फरवरी तक राहत मिली थी.  राहत पूरी होने के बाद उन्होंने मोहाली सैशन कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान करते हुए शीर्ष अदालत ने मजीठिया को 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव होने के बाद एक निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया था. पीठ ने निचली अदालत को भी मजीठिया के आत्मसमर्पण करने के बाद उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करने और जल्दी निर्णय करने का निर्देश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को को ड्रग्स केस से जुड़े एक मामले में शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को राहत प्रदान करते हुए पंजाब पुलिस को उन्हें 23 फरवरी तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था, ताकि वह राज्य में चुनाव प्रकिया में हिस्सा ले सकें.

न्यायालय ने यह भी कहा था, ‘‘हम एक लोकतंत्र हैं, जहां राजनीतिज्ञों को नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए और ऐसी धारणा नहीं बननी चाहिए कि ‘दुर्भावना से प्रेरित’ होकर मुकदमे दायर किये गये हैं. ’’

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने विधानसभा चुनावों से ऐन पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ आपराधिक मामलों में अचानक बढ़ोतरी होने का उल्लेख करते हुए पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदम्बरम से कहा कि वह अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दें कि ऐसी धारणा न बने कि राज्य सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को प्रतिशोध की भावना से निशाना बना रही है.

20 दिसंबर को दर्ज हुआ था मामला

मजीठिया पर पिछले साल 20 दिसंबर को स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.  पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को मजीठिया की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी.

शीर्ष अदालत ने गत 27 जनवरी को पंजाब सरकार को मौखिक रूप से कहा था कि वह 31 जनवरी तक मजीठिया के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे.


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