उत्तराखण्डः चुनाव नतीजों के बाद भाजपा प्रदेश संगठन स्तर पर हो सकता है बड़ा फेरबदल
देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में 10 मार्च को बड़े स्तर पर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। ये बदलाव प्रदेश स्तर पर हो सकते हैं। भाजपा हाईकमान इस वक्त विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रही है। जिसके बादये तय होगा कि प्रदेश में संगठन की जिम्मेदारी किसे मिलती है। फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ है कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को संगठन की जिम्मेदारी से हटाया जा सकता है। हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पूर्व मुख्यमंत्री डा० रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की मुलाकात के बाद प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है।
भाजपा ने प्रदेश में चुनावी साल में तीन सीएम के बदलाव के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी एक नया प्रयोग किया। तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने और मदन कौशिक को सरकार से संगठन में भेजा गया। उनकी जगह संगठन चला रहे बंशीधर भगत को सरकार में लाया गया। इस तरह भाजपा ने पहली बार मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एक नया प्रयोग किया।
उत्तराखण्ड की सियासत में प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की कुर्सी गढ़वाल और कुमाऊं का बेलेंस हमेशा खासा अहम रहा है। मुख्यमंत्री गढ़वाल से हो तो प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं से बनाया जाता है। या फिर इसके उलट समीकरण हो तो उस पर भी पार्टी हमेशा से ही विचार करती रही है। इसमें भाजपा ही नहीं कांग्रेस भी हमेशा संतुलन बैठाती आ रही है। लेकिन चुनावी साल में भाजपा ने ऐसा नहीं किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक दोनों मैदानी क्षेत्र से ही चुने गए। हालांकि पार्टी धामी को कुमाऊं क्षेत्र से तो कौशिक को हरिद्वार का होने के नाते से गढ़वाल से जोड़ती रही। लेकिन संगठन स्तर पर इसका अंदरखाने भी असर दिखता रहा। जिसका शुरूआत में विरोध भी हुआ। गढ़वाल से किसी जिम्मेदार चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग भी हुई। चुनाव में गढ़वाल से कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात भी सोशल मीडिया में खूब उड़ी जिसमें बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट और धर्मपुर विधायक विनोद चमोली का नाम तक लिया जाने लगा।
भाजपा ने चुनाव मदन कौशिक के नेतृत्व में ही लड़ा। लेकिन टिकट बंटवारे के बाद से ही मदन कौशिक पर गंभीर आरोप लगने लगे, चुनाव निपटते ही खुलकर प्रत्याशी मदन कौशिक और संगठन पर सवाल खड़े करने लगे। लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष पर ही चुनाव में उन्हें हराने का आरोप लगा दिया।