September 22, 2024

बंगाल विधासनभा अधिवेशन को लेकर चल रहा विवाद मिटा, राज्यपाल ने 7 मार्च को दोपहर 2 बजे बुलाया विधानसभा सत्र

पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र को बुलाने को लेकर चल रहा विवाद गुरुवार को थम गया. मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने गुरुवार की सुबह राजभवन में जाकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. उसके बाद राज्यपाल ने सात मार्च को दोपहर दो बजे से विधानसभा का बजट सत्र बुलाने का फरमान जारी किया. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है. कैबिनेट के फैसले को स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने 7 मार्च को दोपहर 2 बजे सत्र बुलाया है. संविधान के अनुसार राज्यपाल की अनुमति के बिना बजट सत्र नहीं बुलाया जा सकता है. राज्यपाल सत्र बुलाते हैं, यही नियम है. हालांकि, राज्य विधानसभा में बजट सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की गलती को पकड़ा, बाद में गलती को सुधारा गया लेकिन इतने दिनों तक कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई थी. गुरुवार को मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने इस बारे में राज्यपाल से दोबारा बात की.

राज्यपाल ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि मुख्य सचिवा राजभवन आ रहे हैं. मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी सुबह 11 बजे राजभवन पहुंचे. आज के दिन बजट सत्र की चर्चा हुई. इसके बाद राज्यपाल ने सत्र की सूचना दी. उन्होंने यह भी कहा कि अधिसूचना ट्विटर पर प्रकाशित की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल द्वारा मांगी गई सभी जानकारी 15 दिनों के भीतर दी जानी चाहिए. वह जानकारी जो वह चाहता थे, लेकिन राज्य सचिवालय द्वारा अभी तक राजभवन को नहीं दी गई है.

सात मार्च से शुरू होगा विधानसभा का बजट सत्र

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जानें क्या था विवाद का कारण

कुछ दिन पहले राज्य सचिवालय नबान्न की ओर से भेजे गए एक पत्र से भ्रम शुरू हुआ था. कुछ दिन पहले राज्यपाल ने एक ट्वीट में पत्र का गलत अर्थ निकाला था. उन्होंने कहा था कि रात 2 बजे विधानसभा का सत्र बुलाया जा रहा है. उन्होंने इस घटना को “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व” बताया. उन्होंने दावा किया कि कैबिनेट में फैसला लिया गया है. इतना ही नहीं सरकार दोपहर 2 बजे इस तरह से विधानसभा का सत्र क्यों बुलाना चाहती है, उन्होंने जवाब भी मांगा था. राज्यपाल ने कैबिनेट की ओर से भेजे गए पत्र की एक प्रति ट्विटर पर भी पोस्ट की थी. उन्होंने मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को भी फोन कर भेजा भी था. गौरतलब है कि राज्य सचिवालय की ओर से भेजे गए पत्र में रात 2 बजे लिखा गया था. यह भ्रम AM और PM की समस्या हुई थी. पत्र में मूल रूप से दोपहर 2 बजे (2 अपराह्न) का उल्लेख किया गया था, लेकिन अंत में 2 बजे (2 पूर्वाह्न) लिखा गया था और यही भ्रम का कारण था. हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने इस घटना को “टाइपोग्राफिक त्रुटि” बताया था. सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्यपाल इस गलती को नजरदांज भी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था.


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