September 22, 2024

पूर्वी लद्दाख विवाद: चीन के साथ 13 घंटे चली बैठक में भारत ने रखी ये डिमांड

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के चुशुल में कोर कमांडर स्तर की 15वीं राउंड की बातचीत करीब 13 घंटे तक चली। बीती रात 11 बजकर 20 मिनट पर बातचीत खत्म हुई है, जिसमें भारत की तरफ से बॉर्डर पर सेना की मूवमेंट कम करने की बात कही गई है। भारत ने पूर्वी लद्दाख में शेष टकरावा वाले बिंदुओं पर एक प्रस्ताव के लिए जोर दिया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कोर-कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान भारत ने शेष टकराव वाले बिंदुओं पर सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए दबाव डाला, जिसमें देपसांग बुलगे और डेमचोक में लंबित मुद्दों का समाधान शामिल है।

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया, जबकि वार्ता में चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल यांग लिन ने किया।

पूर्वी लद्दाख गतिरोध

पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया। घटना के बाद, दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी, जिसके परिणामस्वरूप टकराव वाले बिंदुओं पर तनाव बढ़ गया।

सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप, भारत और चीन ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे और गोगरा क्षेत्र में सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की।

वर्तमान में, संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर प्रत्येक पक्ष के पास लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक हैं।


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