September 22, 2024

आगरा में काउंटिंग से पहले अफसरों की गाड़ी को चेक करने वाले एसपी और आरएलडी नेताओं की बढ़ी मुश्किलें., अब जाएंगे जेल

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई है और राज्य में समाजवादी पार्टी एक बार फिर सत्ता से दूर हो गई है. वहीं राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं. राज्य में काउंटिंग से पहले जिन एसपी नेताओं ने आगरा में जिला प्रशासन के अफसरों की गाड़ियों को चेक किया था. अब उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने कार्यवाही शुरू कर दी है. असल में बिना किसी आधार के मार्केट कमेटी के बाहर हंगामा करना अब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को महंगा पड़ने वाला है. फिलहाल वीडियो के आधार पर पुलिस ने एक पूर्व जिला अध्यक्ष समेत बीस से अधिक एसपी की पहचान की है और आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. पुलिस अफसरों का कहना है कि पुलिस पहले कोर्ट से गैर जमानती वारंट लेगी और इसके बाद छापेमारी शुरू कर दी जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिले के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मतगणना से एक दिन पहले एसपी कार्यकर्ताओं ने मंडी समिति के बाहर हंगामा किया था. वहां पर एसपी कार्यकर्ताओं ने मार्केट कमेटी में जाने वाले अफसरों के वाहनों को रोक दिया था और जांच के नाम पर जबरन तलाशी ली गई. एसपी कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर बैठकर हंगामा किया. इस संबंध में एत्मादुद्दीन दौला पुलिस स्टेशन में दंगा करने, सरकारी काम में बाधा डालने, गाली-गलौच करने और सात आपराधिक कानून प्रत्यायन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पुलिस अफसरों का कहना है कि मंडी समिति के बाहर अफसरों की गाड़ी चेक करने वाले एसपी और आरएलडी नेताओं के खिलाफ एत्मादुद्दौला थाने में मामला दर्ज किया था. वहां पर दर्ज मामले में आरएलडी जिलाध्यक्ष नरेंद्र बघेल, एसपी के पूर्व जिलाध्यक्ष राम सहाय यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष राम गोपाल बघेल, राजकुमार, सुनील, कुंवर रवि यादव, राजा श्रीवास्तव, सुलेखा श्रीवास्तव, रजनी, जूही प्रकाश, संजू यादव, रामकुमार, सुनील यादव, विवेक यादव, लखन सिंह, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के रिजवान खान, कुलदीप वाल्मीकि, राजकुमार, रवि यादव, राहुल घोष, सुरेश दिवाकर, मुरली यादव, शैलू यादव, पूर्व पार्षद राजपाल यादव के साथ ही 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

मुश्किल में एसपी कार्यकर्ता

पुलिस कहना है कि जिन लोगों ने अफसरों की गाड़ियों की जांच की है. उनके खिलाफ ही मामला दर्ज किया गया. लेकिन वहां पर जो लोग शांति के साथ धरना दे रहे थे, उनका नाम मुकदमे में नहीं है. एसपी और आरएलडी नेताओं ने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की साजिश रची थी और उस वक्त वहां पर माहौल खराब हो गया था. पुलिस अफसरों का कहना है कि पुलिस ने उस दौरान संयम से काम लिया और उस वक्त किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की. लेकिन अब कोर्ट से गैर जमानती वारंट लेकर चिन्हित आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.


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