उत्तराखण्डः मुख्यमंत्री धामी और प्रदेश अध्यक्ष कौशिक के जिलों में भाजपा को हुआ बड़ा नुकसान

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देहरादून। उत्तराखण्ड विधान सभा के नतीजे आए तकरीबन दो दिन पूरे हो चले हैं। इस बारी उत्तराखण्ड में तमाम मिथकों को तोड़ते हुए 47 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा एक बार फिर सत्ता बनाने जा रही है। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री का नाम साफ नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मीडिया में आधा दर्जन नामों को लेकर अटकलें जारी हैं।

साल 2017 की बात करें तो प्रचण्ड मोदी लहर के बलबूते प्रदेश में भाजपा 57 सीटों में जीत दर्ज कर प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई। उस समय भाजपा हाईकमान ने तमाम अटकलों को विराम देते हुए त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उत्तराखण्ड का सीएम बनाया। लेकिन महत्वाकांक्षी विधायकों के दबाव में प्रचण्ड बहुमत के बावजूद हाईकमान को चौथे साल में त्रिवेन्द्र रावत को बदलना पडा। इसके बाद भाजपा ने तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड की कमान सौंपी। इन सबमें त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सबसे अधिक तकरीबन चार साल तक प्रदेश की बागडोर संभाली। चुनावी साल में भले ही भाजपा सीएम पुष्कर सिंह धामी के युवा चेहरे पर चुनाव मैदान में उतरी, लेकिन विकास के नाम पर त्रिवेन्द्र सरकार की उपलब्धियां ही गिनाने के लिए भाजपा के पास रही।

इस बार 60 पार का नारा देने के बाजवूद भाजपा 47 सीटों पर ही विजय पताका लहरा पाई। खास बात ये है कि इस बार भाजपा को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से ताल्लुक रखने वाले जिलों में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। भाजपा के उत्तराखण्ड में प्रयोग के तौर पर कुमाऊं से युवा चेहरा पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया और पहली बार मैदानी क्षेत्र से हरिद्वार से मदन कौशिक को प्रदेश संगठन की बागडोर सौंपी।

लेकिन चुनावी नतीजों पर बरीकी से नजर डाली जाए तो भाजपा का ये प्रयोग पूरी तरह विफल रहा और बहुमत के बावजूद पार्टी को उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले से नुकसान उठाना पड़ा है।
खास बात ये है कि भाजपा सीएम के चेहर पुष्कर धामी से ताल्लुक रखने वाले जिले में कुल 9 सीटों में से पांच सीटों में कांग्रेस जीतने में कामयाब रही। कुमाऊं के सबसे बड़ा 9 सीटों वाला उधमसिंह नगर जिले में कांग्रेस ने ऊंची छलांग लगाई है। कांग्रेस ने जिले में रोलबैक करते हुए 5 विधायकों को विधानसभा पहुंचाने में कामयाब हासिल की है। जबकि, भाजपा 8 विधायकों में से सिर्फ 4 विधायकों पर सिमट गई है। भाजपा ने जिले में जसपुर, बाजपुर, किच्छा, नानकमत्ता और खटीमा सीट हार गई। जबकि 2017 के चुनाव में सिर्फ जसपुर सीट पर ही कांग्रेस ने कब्जा किया था। खास बात ये है कि पार्टी के सीएम चेहरा पुष्कर सिंह धामी उधम सिंह नगर से ही ताल्लुक रखते हैं।

वहीं बीजेपी प्रदेश मदन कौशिक मदन कौशिक मैदानी जिले हरिद्वार से ताल्लुक रखते हैं। हरिद्वार जिले में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। 2017 के चुनाव में भाजपा को हरिद्वार की 11 सीटों में से 8 सीटें मिली थी। लेकिन इस बार 3 सीटें ही भाजपा की खाते में आईं। जो कि रुड़की, हरिद्वार शहर और रानीपुर भेल सीट है। जबकि कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में 3 सीटें अपने खाते में डाली थीं। जबकि 2022 के चुनाव में 5 सीटें जीतकर परचम लहराया है। जो कि ज्वालापुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर और हरिद्वार ग्रामीण सीट ह। इसी तरह जिले की 2 सीटें पर बीएसपी (मंगलौर और लक्सर सीट) और एक सीट पर निर्दलीय (खानपुर सीट) का कब्जा है।

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