September 25, 2024

सीडब्ल्यूसी की बैठक में अशोक गहलोत बने संकटमोचक, G-21 नेताओं से बोले….हमें ब्लेम गेम से बचना चाहिए

देश के 4 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में करारी हार झेलने के बाद में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक रविवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई. बैठक में कांग्रेस के कई असंतुष्ट धड़े के नेताओं ने सांगठनिक बदलाव की मांग की वहीं इस दौरान राज्यों में हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा की गई. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने उन खबरों का खंडन भी किया जिसमें कहा जा रहा था कि गांधी परिवार के सदस्य संगठनात्मक पदों से इस्तीफा देने वाले हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की कार्य समिति की बैठक में एक बार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  एक संकट मोचक की भूमिका में नजर आए. जहां राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने वालों में मुखरता से पैरवी करने से लेकर गहलोत ने सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले गांधी परिवार का पूरा समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सकते हैं.

अशोक गहलोत बने फिर संकटमोचक

सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले G-21 समूह (दो लोगों के निकाले जाने से पहले G-21 ही G-23 हुआ करता था)  के नेताओं के नाराजगी के सुर सुनाई पड़े जिसके बाद यह माना जा रहा था कि गांधी परिवार के सदस्य उच्च पदों से इस्तीफा दे सकते हैं और G-21 में से किसी एक नेता का नाम अध्यक्ष के लिए आगे किया जा सकता है. सूत्रों के हवाले से पता चला कि सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले अशोक गहलोत ने फोन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनन्द शर्मा से बात की. बताया जा रहा है कि गहलोत ने आनंद शर्मा से पार्टी की हार पर खुले मन से चर्चा करने की गुज़ारिश की और किसी भी तरह के ब्लेम गेम से बचने की सलाह दी.

माना जा रहा है कि गहलोत की सलाह और बातचीत के बाद ही G-21 के नेताओं के सीडब्ल्यूसी की बैठक में तेवर नरम पड़े. इसी कड़ी में आनन्द शर्मा से बातचीत होने के बाद ही सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले गहलोत एआईसीसी ऑफिस पहुंचे और मीडिया के सामने गांधी परिवार के पक्ष में माहौल बनाते दिखाई दिए.

बता दें कि G-21 के नेताओं की सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस आलाकमान को घेरने की तैयारी थी. वहीं सोनिया गांधी ने नेताओं के सामने गांधी परिवार के इस्तीफ़े का दांव भी चला जिस पर गहलोत ने ही समझाया कि आप लोग अगर ब्लेम गेम करोगे तो गांधी परिवार इस्तीफा दे देगा और बिना परिवार पार्टी कमजोर होकर टूट जाएगी.

जी-21 की नाराजगी जगजाहिर

बता दें कि कांग्रेस की 4 राज्यों में हार के बाद हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए ही पार्टी के ‘G-21’ ग्रुप के कई नेताओं ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की थी जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई. वही G-21 से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद यह बात न‍िकलकर सामने आई है कि इस ग्रुप ने कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष पद के ल‍िए मुकुल वासनिक का नाम सुझाया गया था लेक‍िन पार्टी आलाकमान ने इसे नहीं माना, ज‍िसके बाद ग्रुप ने आलाकमान पर जमकर न‍िशाना भी साधा.

ग्रुप के मुताबिक बैठक में कहा गया कि मौजूदा अध्‍यक्ष सोनिया गांधी जैसे पहले पार्टी चलाती थीं, वैसे चलाएं, निष्क्रिय नहीं रहें. हमने बिहार चुनाव के बाद खत लिखा था, लेकिन कुछ नहीं बदला. केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला के जरिए ही फिलहाल पार्टी चल रही है और वह मनमानी कर रहे हैं, किसी की कोई जवाबदेही तय नहीं है.


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