September 22, 2024

उत्तराखण्डः कांग्रेस में नहीं थम रहा घमासान, अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर खींचतान

देहरादून। उत्तराखंड में गठित होने जा रही पांचवीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तय करने की राह भी आसान नहीं रहने वाली है। निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का इस पद पर दावा स्वाभाविक रूप से मजबूत है, लेकिन हार के बाद पार्टी में मचे घमासान के बीच इस पद के लिए भी नए दावेदार सामने आने लगे हैं।

धारचूला के विधायक हरीश धामी ने नेता प्रतिपक्ष के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। इसे प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के गुटों में बढ़ती खींचतान के परिणाम के रूप में देखा जा रहा है। हरीश धामी पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबियों में शुमार है।

10 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश की चौथी विधानसभा भंग हो चुकी है। अब पांचवीं विधानसभा के गठन की कसरत चल रही है। नई विधानसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष का चयन भी होना है। प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के 19 सदस्य इस बार विधानसभा पहुंचे हैं। विधानसभा में दूसरी पार्टी बसपा है।

नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को ही मिलना है। इस पद पर निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पार्टी के भीतर सबसे मजबूत दावेदार हैं। प्रीतम छठी बार चकराता विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। राज्य बनने के बाद से अब तक एक भी चुनाव नहीं हारे प्रीतम सिंह पिछली दोनों कांग्रेस सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष पद पर प्रीतम के स्वाभाविक दावे को पार्टी के भीतर ही चुनौती भी मिल रही है। दरअसल प्रीतम सिंह कांग्रेस की हार के लिए टिकटों के वितरण और कटौती पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने पांच वर्ष तक विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय व्यक्ति को ही वहां टिकट दिए जाने की बात कही, साथ में हार को लेकर होने वाले मंथन पर इन बिंदुओं पर खुलकर चर्चा के संकेत भी दिए।

उधर, सीमांत जिले से चमोली की बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित राजेंद्र भंडारी के समर्थक भी उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए सोशल मीडिया में मुहिम चला रहे हैं।


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