September 22, 2024

तीर्थ पुरोहितों ने एक बार फिर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी, ये है बड़ी वजह

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज ने शासन की ओर से केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किए जाने को लेकर भारतीय पुरातत्व विभाग को भेजे प्रस्ताव पर घोर आपत्ति दर्ज कराई है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ मंदिर कोई ताजमहल नहीं है, जिसे किसी विशेष व्यक्ति ने बनाया हो। पौराणिक धरोहरों के साथ सरकार छेड़छाड़ कर रही है, जिसका घोर विरोध किया जायेगा। जिस प्रकार से तीर्थ पुरोहितों ने चारोंधामों में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर आंदोलन चलाया, ठीक उसी प्रकार इस प्रस्ताव को निरस्त कराने को लेकर भी धामों में आंदोलन किया जायेगा। अगर इसके बाद भी सरकार ने प्रस्ताव को वापस नहीं लिया, तो चारधामों को बंद किया जायेगा।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू को भेजे ज्ञापन में केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि शासन व उत्तराखंड सरकार ने ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने को लेकर भारतीय पुरातत्व विभाग को प्रस्ताव भेजा है। इस संबंध में सरकार ने स्थानीय हक-हकूकधारियों से कोई रायशुमारी नहीं ली है। अपनी मनमर्जी से सरकार कार्य करने में लगी है, जो कि सरासर गलत है।

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किये जाने के पीछे सरकार की मंशा यहां की जमीन व भवनों को हड़पने की है। सदियों से चली आ रही परंपरा को समाप्त करने की है। सरकार का यह भी मकसद है कि मंदिर में पूजा-अर्चना व अन्य कार्यों के जरिये रोजगार करने वाले लोगों को बेरोजगार किया जाए। जो कार्य उत्तराखंड सरकार देवस्थानम बोर्ड लागू करके न कर सकी, उस कार्य को इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर किया जा रहा है।

तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि इस दिशा में शीघ्र ही चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति की बैठक की जाएगी। बैठक के बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा। विचार-विमर्श के बाद सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जायेगा। केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि सरकार की मंशा को किसी भी हाल में पूरा नहीं होने दिया जायेगा। सरकार की मंशा यहां के मठ-मंदिरों को हड़पने की है। पहले देवस्थानम बोर्ड को लागू किया गया।

विरोध के बाद बोर्ड को भंग करके अब इस प्रकार के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बदरी-केदार मंदिर समिति के अधीन चारधामों में बेहतर व्यवस्थाएं संचालित हो रही हैं। इन व्यवस्थाओं को खराब करने की कोशिश ना की जाए। अन्यथा तीर्थ पुरोहित समाज उग्र आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेगा और सरकार को इसका हर्जाना भुगतना पड़ेगा।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com