September 22, 2024

पुनः बहाली की मांग को लेकर पीआडी और उपनल आउटसोर्स कर्मियों ने सचिवालय किया कूच

देहरादून। पीआरडी और उपनल आउटसोर्स कर्मचारियों ने पुनः बहाली की मांग को लेकर सचिवालय कूच किया। गौरतलब है कि कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त कर दी गई थी। तब से ही पीआरडी और उपनल के आउटसोर्स कर्मचारी पुनः बहाली की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। रोके जाने से नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। जिसके बाद सभी ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की, लेकिन जब काम निकल गया तब सरकार ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी। प्रदर्शनकारी अपनी सेवा बहाली की मांग को लेकर 28 दिन से आंदोलनरत हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा था कि रिक्त पदों के सापेक्ष उन्हें समायोजित किया जाएगा। लेकिन आज तक समायोजन के संबंध में कोई भी शासनादेश जारी नहीं किया गया है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी की पहली, दूसरी और तीसरी लहर में उन्हें उपनल, पीआरडी, एनएचएम, जेड सिक्योरिटी के माध्यम से रखा गया था. लेकिन 31 मार्च को 2186 कर्मचारियों की स्वास्थ्य कर्मियों के रूप में सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। उन्होंने मांग की कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रसार की रोकथाम, बचाव और उपचार में तैनात 2186 संविदा कर्मचारियों को पुनः बहाली दी जाए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया।


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