रामनवमी के दौरान हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक आयोग के गठन की मांग वाली याचिका खारिज की

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी और सात अन्य राज्यों में रामनवमी के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की याचिका खारिज कर दी।

बेंच ने कहा, “आप चाहते हैं कि जांच पूर्व सीजेआई की अध्यक्षता में हो? क्या कोई फ्री है? पता करें … यह किस तरह की राहत है … ऐसी राहत की मांग न करें जो इस अदालत द्वारा नहीं दी जा सकती। खारिज कर दिया।”

तिवारी ने अपनी याचिका में रामनवमी के दौरान राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात में हुई झड़पों की जांच कराने का निर्देश देने की मांग की थी।

जनहित याचिका में मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में ‘बुल डोजर जस्टिस’ की मनमानी कार्रवाई की जांच के लिए एक समान समिति गठित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

याचिका में कहा गया, “इस तरह के कार्य पूरी तरह से भेदभावपूर्ण हैं और लोकतंत्र और कानून के शासन की धारणा में फिट नहीं होते हैं।”