मंकीपॉक्स ले जा सकता है मौत की ओर? अभी तक कोई दवा नहीं, लेकिन ये वैक्सीन कर सकती है रक्षा
मंकीपॉक्स संक्रमण बढ़ता जा रहा है। यह बीमारी पहले ही यूरोप में इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, स्वीडन, इटली में फैल चुकी है। यह रोग संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी पाया गया है। भारत में केंद्र सरकार द्वारा भी अलर्ट जारी किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले ही इस बीमारी को लेकर आगाह कर चुका है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस बीमारी का संक्रमण और बढ़ सकता है। लेकिन यह कितना डरावना हो सकता है? क्या यह बीमारी मौत का कारण भी बन सकती है?
यह रोग किस प्रकार का है? जहां तक समझ आता है, इस रोग की गंभीरता चेचक से कम है। लेकिन चिकनपॉक्स से ज्यादा। बुखार पैरों में दर्द जैसे चेचक जैसे लक्षणों के साथ-साथ पूरा शरीर टूट सा जाता है। ये लक्षण 2 सप्ताह से 4 सप्ताह तक रहते हैं। उसके बाद, रोग अपने आप कम हो जाता है।
अभी तक कोई दवा या टीका नहीं है। हालांकि, जिन लोगों ने चेचक का टीका लिया है, उनको इस बीमारी से कुछ राहत मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कुछ लोगों में इस रोग के फैलने की दर अपेक्षाकृत अधिक होती है। यह भी संदेह जताया गया है कि यह बीमारी सेक्स से फैलती है। खासकर समलैंगिक और बाइसेक्सुअल पुरुषों के बीच। इसीलिए कहा जा रहा है कि पुरुष से पुरुष के यौन संबंधों को लेकर भी सावधान रहें।
लेकिन सवाल यह है कि क्या मंकीपॉक्स में मौत हो सकती है? अब तक जो पता चला है, उससे इस बीमारी से मौत का खतरा कम है। जिन लोगों को हाल ही में मंकीपॉक्स का संक्रमण हुआ है उनमें से किसी ने भी इस बीमारी से अपनी जान नहीं गंवाई है। बहुत से लोग नहीं सोचते कि यह खतरनाक है। हालांकि, डॉक्टर हमें सावधान रहने के लिए कहते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि संक्रमणों की संख्या बढ़ने पर इस बीमारी की समस्याएं और अधिक समझ में आएंगी।