अयोध्या: राम मंदिर के गर्भ गृह निर्माण का शुभारंभ, सीएम योगी बोले- राम मंदिर देश का राष्ट्र मंदिर होगा
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के गर्भ गृह का आज निर्माण का शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री योगी ने शिलापूजन के बाद गर्भ गृह के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, विश्व हिंदू परिषद, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कई संत और महंत मौजूद रहे।
#WATCH | Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath lays the foundation stone for Ram Mandir's Garbhagriha in Ayodhya. pic.twitter.com/Hw55YwdEqX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 1, 2022
वहीं अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि अधिरचना पर काम आज से शुरू हो रहा है, हमारे पास कार्यों को पूरा करने के लिए 3-चरण की समय सीमा है, 2023 तक गर्भगृह, 2024 तक मंदिर निर्माण और 2025 तक मंदिर परिसर में मुख्य निर्माण होगा।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ लगभग 2 वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से हुआ और सफलतापूर्वक ये निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ pic.twitter.com/i0X8JEUSAT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 1, 2022
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमिपूजन किया था। मंदिर की नींव का काम पूरा हो चुका है। अब जनवरी 2024 तक गर्भ गृह में रामलला विराजमान होंगे। रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दासजी ने कहा कि निर्माण पूरा होने पर रामलला 24 जनवरी 2024 के शुभ मुहूर्त में यहां विराजमान होंगे।
आपको बता दें नक्काशी दार पत्थरों से रामलला के गर्भ गृह का आज से निर्माण शुरू किया जाएगा। रामलला का गर्भ गृह 20 फुट चौड़ा और 20 फुट लंबा होगा। गर्भ गृह की बाहरी दीवार 6 फुट मोटी होगी। गर्भ गृह के ठीक पीछे की दीवार जिसे महापीठ कहा जाता है उसी दीवाल के प्रथम शीला का पूजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे और फिर विद्युत जामवाल की मौजूदगी में शास्त्र सम्मत बहुप्रतीक्षित रामलला के गर्भ गृह का निर्माण शुरू हो जाएगा।
मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया जा रहा है। सभी स्तंभों में रामकथा के प्रसंगों सहित प्राचीन पद्धति से परिसर में कुल 6400 मूर्तियां उकेरी जाएंगी। मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र यहां के स्तंभ होंगे। इन स्तंभों पर देवी-देवताओं की 16 मूर्तियों को शिलापट्ट पर उकेरा जाएगा। रामकथा संग्रहालय में कारीगर इन खंभों में रामकथा के प्रसंगों में वर्णित ऋषि मुनि और देवी-देवताओं की कुल 6400 मूर्तियों को 400 स्तंभों पर आकार देने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा रामायण के 100 प्रसंग भी स्तंभों पर नागर शैली के महारथी कलाकार स्थापित करेंगे।