हवा से भी फैल सकता है मंकीपॉक्स वायरस! विशेषज्ञों ने सर्जिकल मास्क पहनने को कहा, पढ़िए डिटेल
कोरोना के कहर के बीच मंकीपॉक्स वायरस ने भी दुनिया को परेशान कर दिया है। दुनिया के 29 देशों में यह वायरस फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ ने यह जानकारी दी है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने जेनेवा में बताया कि 1000 से अधिक केस इस वायरस के दुनियाभर में हो गए हैं। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार ये आशंका जताई जा रही है कि मंकीपॉक्स वायरस हवा से भी फैल सकता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी के अधिकारियों को संदेह है कि मंकीपॉक्स वायरस कम दूरी तक हवा में हो सकता है। इसलिए आम लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क पहनने के लिए कहा है।
Over 1,000 #monkeypox cases have been reported from 29 countries where the disease is not endemic, with no deaths reported so far in these countries. @WHO urges affected countries to identify all cases and contacts to control the outbreak and prevent onward spread. pic.twitter.com/5V9kJaM2FA
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) June 8, 2022
मास्क पहनने से इस बीमारी से बच पाएंगे: सीडीसी
सीडीसी ने यात्रियों से कहा है कि वे मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए मास्क पहनें। मास्क पहनने से आपको मंकीपॉक्स सहित कई बीमारियों से खुद को बचाने में मदद मिल सकती है।जिन देशों में मंकीपॉक्स सक्रिय है, वहां कर्मचारियों को मास्क पहनना चाहिए। बयान में कहा गया है कि जो व्यक्ति मंकीपॉक्स से ग्रसित है, उसके निकट संपर्क में जाने से बचना होगा।
घर में किसी को मंकीपॉक्स हो तो बाकी सदस्य पहने सर्जिकल मास्क
सीडीसी ने अपनी वेबसाइट में ऐसे लोगों से सर्जिकल मास्क पहनने की अपील की है, जिन्हें श्वसन संबंधी लक्षण हैं। साथ ही मंकीपॉक्स की पुष्टि वाले मरीज के घर के अन्य सदस्य भी सर्जिकल मास्क् पहन सकते हैं। क्योंकि उनके मंकीपॉक्स से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने की संभावना ज्यादा होती है। हालांकि रिपोर्ट मे स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा गया है कि मंकीपॉक्स वायरस हवा के जरिए फैलता ही है। लेकिन उन्होंने बड़ी श्वसन बूंदों की भूमिका पर जोर दिया है, जो संक्रमित रोगियों की नाक से निकलती हैं।
मंकीपॉक्स देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वहीं हैं। हालांकि यह बीमारी आमतौर पर हल्की होती है। मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में यह वायरस सबसे आम है। लेकिन यह यूरोप और अमेरिका में भी फैल रहा है। दरअसल, यह स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकीपॉक्स हो जाए।