September 22, 2024

डीएम ने ग्राम्य विकास विभाग के अफसरों संग की बैठक, मिल्क रूट तैयार करने को दिए निर्देश

चम्पावत। जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी ने गुरुवार को दुग्ध, पशुपालन एवं ग्राम्य-विकास-विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में दुग्ध-उत्पादन की क्षमता को बढ़ाए जाने हेतु प्रत्येक ग्राम-सभा तक मिल्क रुट तैयार करते हुए पशुपालकों से दुग्ध एकत्रित कर व क्रय कर उसे डेयरी तक पंहुचाने हेतु तीनों विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए इस क्षेत्र में तत्परतापूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के दूरस्थ क्षेत्र जहाँ से वर्तमान में दुग्ध एकत्रित कर डेयरी में नहीं लाया जा रहा हो ऐसे क्षेत्रों में दुग्ध-समितियों का गठन कर पशुपालकों से दुग्ध एकत्रित कर डेयरी तक लाएँ, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में पशुपालकों की आर्थिकी में बढ़ोत्तरी के साथ ही रोजगार के साधन बढ़ाए जा सकें।

विकास भवन सभागार में बैठक लेते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में जहाँ पर दुग्ध-परिवहन कर डेयरी तक नहीं आ पा रहा है ऐसे क्षेत्रों में चिलिंग प्लांट स्थापित कर स्थानीय पशुपालकों से दूध प्राप्त कर चिलिंग प्लांट में दुग्ध उत्पादों घी, डॉग फूड आदि को बनाया जाय।

बैठक में जिले के डांडा मीनार क्षेत्र में चिलिंग प्लांट खोले जाने हेतु दुग्ध विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि उस क्षेत्र में जो भी सरकारी भवन वर्तमान में खाली पड़ा होगा उसे चिलिंग प्लान्ट खोले जाने हेतु दुग्ध विभाग को उपलब्ध कराने के साथ ही मशीनों एवं उपकरणों हेतु धनराशि भी दी जाएगी, इसके अतिरिक्त 25 पैरावेट को आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा की दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने से जहाँ एक ओर किसानों की आय दोगुना बढ़ेगी वही गाँव में रोजगार भी मिलेगा जिससे पलापन भी रुकेगा, जिला अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी व्यक्ति दुग्ध उत्पादन करना चाह रहे हैं ऐसे व्यक्तियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो तथा विभिन्न विभागों की योजनाओं से जोड़ते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुए बैंक से ऋण उपलब्ध कराएं।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि जिसे में वर्तमान में 11500 लीटर दूध प्रतिदिन आँचल डेयरी में प्राप्त हो रहा है इसकी क्षमता बढ़ाए जाने हेतु दुग्ध समितियों तथा अन्य माध्यमों से उपाय किए जा रहे हैं जिले में कुल 270 दुग्ध समितियाँ है जिसमें से 194 सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि शेष दुग्ध समितियों को भी सक्रिय कर इस क्षेत्र में कार्य कराते हुए अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादकों को जोडें।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, प्रबंधक जिला दुग्ध संघ आदि उपस्थित रहे।


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