धामी सरकार 2.0ः सौ दिन सरकार के, विकास के रास्ते पर कितने दूर कितने पास?
देहरादून। धामी 2.0 सरकार के 100 दिन पूरे हो गये है। इस मौके में देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 100 दिन विकास के, समर्पण और प्रयास के, विकास पुस्तक का विमोचन किया।
उन्होंने सरकार के सौ दिन का लेखा-जोखा भी जनता के सामने रखा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के 100 दिन संकल्प, समर्पण एवं प्रयास को समर्पित रहे। उन्होंने कहा बीते 100 दिनों में कई ऐतिहासिक निर्णय एवं राज्य के विकास हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई गई हैं।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये सभी के सहयोग से काम किया जा रहा है। हम उत्तराखण्ड में भी कार्यसंस्कृति में सुधार ला रहे हैं। राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिये 1064 शुरू की गई है। सचिवालय में सोमवार को नो मीटिंग डे रखा गया है ताकि शासन के अधिकारी लोगों से मिलने के लिये उपलब्ध रहें।
जिला स्तरीय अधिकारियों को भी निर्देश दिये गये हैं कि वे सोमवार से शुक्रवार तक प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक अपने कार्यालयों में आम जनता से मिलने के लिये उपलब्ध रहेंगे। अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय आएं, इसके लिये बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए ’यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु कमेटी का गठन किया गया है। गरीब परिवारों को तीन सिलेण्डर मुफ्त उपलब्ध करवाने जा रहे हैं। इसके लिये बजट में प्राविधान भी किया गया है।
उन्होंने कहा सभी विभागों को अगले 10 वर्षाे के विकास कार्याे का रोडमैप तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने की योजना है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिये पर्वत माला परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर भी काम हो रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है।
वहीं विपक्षी कांग्रेस ने का कहना है कि राज्य सरकार के पास इस 100 दिन के कार्यकाल की कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं है। राज्य सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल में मात्र साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए कॉमन सिविल कोड का शिगूफा ही छोड पाई है।
पीसीसी अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पिछले पांच साल के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने असफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये तथा वर्तमान कार्यकाल के 100 दिन के कार्यकाल में सरकार अभी तक अपने चुनावी घोषणाओं की दिशा भी तय नहीं कर पाई है।
चुनावी घोषणा पत्र में किसानों, बेरोजगारों, श्रमिकों व व्यापारियों की बात करने वाली धामी सरकार इन वर्गों के विकास के लिए कोई भी नीति नहीं बना पाई है।
राज्य में हत्या, चोरी, डकैती, मासूमों से बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आमजन विषेशकर महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा ने कोरी घोषणायें तथा झूठ का सहारा लेकर जनता को भ्रमित करने का काम किया।
भाजपा नेताओं ने चुनाव में प्रदेश की गरीब जनता, बेरोजगार नौजवानों, किसानों, व्यापारियों से जो वादे किये वे सब झूठ का पुलिंदा साबित हुए। भाजपा ने सत्ता में आते ही गरीब जनता को सस्तागल्ले के माध्यम से मिलने वाली राशन बन्द करने की नीयत से राशन कार्ड समाप्त करने की योजना बनाई है।
राज्य में शिक्षित बेरोजगार नौजवानों की फौज बढती जा रही है तथा रोजगार की आस लगाये नौजवानों को भी सरकार के 100 दिन की कार्यप्रणाली से मायूसी ही हाथ लगी है।
प्रदेश में चल रही चारधाम यात्रा को व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न कराने में भी राज्य सरकार पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। राज्य की जनता की आर्थिकी की रीड मानी जाने वाली चारधाम यात्रा तथा पर्यटन के प्रति राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है।
यात्रा के शुरूआती माह में ही लगभग 104 से अधिक तीर्थ यात्री अपनी जांन गंवा बैठे हैं जबकि पिछली यात्राओं में पूरे 6 माह में भी यह संख्या इतनी नहीं होती थी। अव्यवस्थाओं के चलते यात्रा मार्गों पर रोज घट रही हृदय विदारक दुर्घटनाओं से राज्य की पर्यटन छबि पर भी प्रभाव पडा है।
भाजपा ने अपने चुनावी ऐजेण्डे में सडक, शिक्षा, पेयजल, चिकित्सा, रोजगार, कृषि, विकास का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा के सरकारी ऐजेंण्डे में शमशान, कब्रिस्तान, लाउड स्पीकर, बुल्डोजर तथा जातीय व साम्प्रदायिक नफरत फैलाना मात्र रह गया है।