प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को कर दिया रैफर
चौखुटिया। पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की बानगी रविवार को उस समय देखने को मिली जब प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज नहीं मिला।
शिशु का एक पैर बाहर निकलकर नीला पड़ चुका था। डॉक्टरों ने यह कहकर प्रसव कराने से इनकार कर दिया कि शिशु की धड़कने बंद हैं। बाद में रानीखेत ले जाते समय एंबुलेंस में फार्मासिस्ट की मदद से सुरक्षित प्रसव हो गया।
मिली जानकारी के मुताबिक गैरसैण की ग्राम पंचायत कोलानी के तोक खोलीधार निवासी कुसुम देवी रविवार को करीब डेढ़ किमी पैदल चलने के बाद सड़क तक पहुंची। जहां से परिजन उसे टैक्सी से करीब 18 किमी दूर सीएचसी चौखुटिया लाए।
परिजनों के अनुसार कुसुम की प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ गई थी कि बच्चे का एक पैर बाहर निकल आया था लेकिन सीएचसी के डॉक्टरों ने प्रसव कराने से मना कर दिया। उन्होंने यह कहकर गर्भवती को रैफर कर दिया कि बच्चे की धड़कने बंद हो चुकी हैं। आरोप है कि एक डॉक्टर ने पुलिस बुलाने की धमकी तक दे डाली।
इसके बाद परिजन 108 एंबुलेंस से उसे रानीखेत ले जा रहे थे कि बाखली के पास कुसुम का दर्द असहनीय हो गया। बच्चे के दोनों पैर बाहर निकल आए। एंबुलेंस में मौजूद फार्मासिस्ट सरिता खंपा ने किसी तरह सुरक्षित प्रसव करा लिया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को फिर से सीएचसी ले जाया गया।