महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने शिवसेना के उद्धव गुट से दिया इस्तीफा
राष्ट्रपति चुनाव के बीच शिवसेना के उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और उद्धव के करीबी रामदास कदम ने उद्धव ठाकरे गुट से इस्तीफा दे दिया है। रामदास कदम 3 बार मंत्री भी रहे और कोंकण के रत्नागिरी से कद्दावर नेता हैं। उद्धव गुट के विधायकों के बागी होने के बाद अब कद्दावर नेता भी उद्धव गुट से नाता तोड़ते नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार के शपथ लेने के बाद उद्धव गुट वैसे भी कमजोर पड़ता जा रहा है। सत्ता मिलने के बाद उद्धव गुट के कमजोर पड़ने का ही कारण था कि खुद उद्धव ठाकरे को सांसदों की बैठक में जब सभी ने एक स्वर में द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन देने की बात कही थी, तब उद्धव के पास कोई और चारा नहीं था।
तब गुवाहाटी में तनावपूर्ण समय बिताया, अब सत्ता में शिंदे गुट
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा था कि उनके साथ गुवाहाटी गए शिवसेना के बागी विधायकों ने बेहद मुश्किल और तनावपूर्ण समय बिताया। शिंदे ने कहा कि विधायकों ने जब अपने विद्रोह के बाद विभिन्न घटनाओं से संबंधित खबरें टीवी पर देखीं तो वे बेहद तनाव में आ गए और उनका वह समय बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। शिंदे ने उपनगर कुर्ला में शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुदलकर द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा कि गुवाहाटी के होटल में ठहरे हुए विधायक जब खबर देखते थे तो बेहद तनाव में आ जाते थे।गौरतलब है कि शिवसेना के दो गुटों में बंटने के बाद महाराष्ट्र के कई इलाकों में शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए थे। इसके कारण बागी विधायकों के घरों और कार्यालयों के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा था।
शिंदे ने अपने विधायकों के चुनाव हारने पर कही थी राजनीति छोड़ने की बात
उधर, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे अपने विधायकों और मंत्रियों के गुट पर काफी विश्वास रखते हैं। उन्होंने हाल ही मेंमहा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार पर निशाना साधते हुए घोषणा की थी कि अगर उनके साथ शामिल होने वाला एक भी विधायक अगला विधानसभा चुनाव हार जाता है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। शिंदे ने अपने एक समर्थक विधायक अब्दुल सत्तार की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, “मुझे विश्वास है कि ये सभी 50 विधायक चुनाव जीतेंगे.. अगर इनमें से कोई भी हारता है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।”