September 22, 2024

“निर्दलीय विधायक किसके-खाया पीया खिसके“?

आनंद रावत

उत्तराखंड राज्य के गठन के पश्चात हुए प्रथम विधानसभा चुनाव से लेकर 2022 के विधानसभा चुनाव तक, निर्दलीय विधायक निर्वाचित होते आए है। एक राजनीति के छात्र के तौर पर, मेरे लिए निर्दलीय विधायकों की भूमिका, और जनता की अपेक्षा, पूरे राज्य के परिप्रेक्ष्य में, हमेशा से कौतूहल का विषय रही है।
2002 से 2022 तक के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायकों के नाम है –
2002-शैलेंद्र मोहन सिंघल, गगन रजवार और प्रणव सिंह चैंपियन।
2007 – यशपाल बेनाम, गगन रजवार और राजेंद्र भण्डारी।
2012 – दिनेश धनाई, हरीश चन्द्र दुर्गापाल और मन्त्री प्रसाद नैथानी।
2017 – राम सिंह क़ैडा और प्रीतम पंवार।
2022 – उमेश कुमार और संजय ड़ोभाल।

चूँकि उमेश कुमार और संजय ड़ोभाल वर्तमान में विधायक है, और समय उनके पास अभी है, तो उनको हम मूल्याँकन से बाहर रखते है अभी।
लेकिन बाक़ी निर्दलीय जीते विधायकों का हम मूल्याँकन करेंगे?

इनमे से राजेंद्र सिंह भण्डारी, मन्त्री प्रसाद नैथानी, हरीश चन्द्र दुर्गापाल, प्रीतम सिंह पंवार और दिनेश धनाई पूर्व में उत्तराखंड सरकार में मन्त्री भी रह चुके है।

लेकिन देखने वाली बात है कि, अधिकतर निर्दलीय जीते विधायकों ने दूसरी बार चुनाव लड़ने के लिए राष्ट्रीय पार्टी के चुनाव चिन्ह पर ज्यादा भरोसा जताया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का साहस नहीं दिखाया सिर्फ़ गगन रजवार, यशपाल बेनाम और दिनेश धनाई ने दूसरी बार भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का साहस दिखाया, जिसमें केवल गगन रजवार दूसरी बार भी निर्दलीय चुनाव जीते।

हालाँकि उनके चुनाव जीतने में उनका शून्य योगदान था, वो सिर्फ़ मुक़द्दर के सिकन्दर थे?

जनता निर्दलीय विधायक क्यों चुनती है?

इस यक्ष प्रश्न का जवाब “कौन बनेगा करोड़पति“ कार्यक्रम में भी नहीं मिलेगा, जहाँ चार विकल्प दिए रहते है?

ख़ैर, क्यों और कैसे में नहीं उलझते है? सीधे बात करते है कि किस निर्दलीय विधायक ने उत्तराखंड की प्रगति में अपनी भूमिका निभायी?

मेरी नज़र में, हरीश चंद्र दुर्गापाल जी ने अपनी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ने वाले बिन्दुखत्ता को नगरपालिका घोषित करवाया, जो किंचित कारणों से निरस्त करवाना पड़ा, परन्तु आज भी बिन्दुखत्ता क्षेत्र का वही समाधान है, और भविष्य की राजनीति भी इसी के इर्द-गिर्द रहेगी। दूसरा दुग्ध बोनस योजना उल्लेखनीय है।

दूसरा दिनेश धनाई जी ने पर्यटन मन्त्री रहते टिहरी झील में पर्यटन की गतिविधि बढ़ाने के लिए बोट हाउस व साहसिक पर्यटन हेतु जेटस्की व अन्य मोटर बोट प्रारम्भ की, जिसे वर्तमान सरकार भी आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबध है।

तीसरा राजेंद्र भण्डारी जी का दूसरे कार्यकाल में जोशीमठ ब्लॉक ओबीसी घोषित हुआ।

चौथा मन्त्री प्रसाद नैथानी जी के शिक्षा मन्त्री के कार्यकाल में प्रत्येक ब्लॉक में एक मॉडल विद्यालय बनाया गया, जिसमें टीचरों की नियुक्ति हेतु एक बोर्ड का गठन किया गया और इन विद्यालयों ने बहुत अच्छे नतीजे भी दिए और वर्तमान सरकार ने इस पहल का सिर्फ़ नाम अटल आदर्श विद्यालय कर दिया और इस योजना का विस्तार नहीं किया।

बाक़ी निर्दलीय विधायकों ने सिर्फ़ अपना भला किया और प्रदेश के निर्माण में कोई योगदान नहीं दिया। यदि आपकी नज़र में कोई योगदान दिया है तो कृपया सबके साथ साझा करे।

गगन रजवार जी की विधायक बनने की कहानी बहुत रोचक है, जो अगली बार साझा करूँगा ।

आनंद रावत के फेसबुक पेज से साभार


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