September 22, 2024

UKSSSC: पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का बेबाक बयान- कार्यकर्ता गलत कार्य में संलिप्त है, तो इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं

देहरादून। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत अपनी बेबाकी और ईमानदारी के लिए जाने जाते है। अपनी साफगोई के लिए वे अपना राजनीति के नफा-नुकसान की परवाह नहीं करते। उनकी इसी साफगोई और लोकप्रियता के चलते उनके विरोधी इतने घबराये हुए है कि सोशल मीडिया में यूकेएसएसएससी के पेपर लीक के मामले के आरोपी हाकम सिंह के साथ उनकी तस्वीर को सोशल मीडिया में वायरल करने में लगे हुए हैं।

हालांकि प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं और अफसरों के साथ हाकम सिंह की सोशल मीडिया में तस्वीरें हैं। लेकिन त्रिवेन्द्र के विरोधी एक साजिश के तहत सिर्फ और सिर्फ पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह की हाकम सिंह के साथ तस्वीरों को वायरल करने में लगे हुए हैं।

वहीं जब शुक्रवार को पत्रकारों ने भाजपा नेता हाकम सिंह के नाम को लेकर उरनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि इस बात को स्वीकार करने में उन्हें किसी भी तरह का गुरेज नहीं है कि हाकम सिंह भाजपा का एक कार्यकर्ता था। लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी का अगर एक कार्यकर्ता किसी गलत कार्य में संलिप्त होता है तो इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं है। पार्टी ने अपनी तटस्थ भूमिका निभाते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया हैं।

हाल ही में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयोग को भंग कर देने की पैरवी की थी। लेकिन शुक्रवार को जब उनसे इस बारे में दोबारा पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनका यह बयान बिल्कुल जायज था। लेकिन पुलिस की एसटीएफ टीम बेहतर काम कर रही है। अगर मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं तो जांच को होने देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब देहरादून में चल रहे तमाम कोचिंग सेंटर पर भी नकेल कसने की जरूरत है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिस तरह से लगातार कोचिंग सेंटर की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है। ऐसे में कोचिंग सेंटरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर पर सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। कोचिंग सेंटरों पर लगातार निगरानी की जरूरत भी है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरीश रावत के सीबीआई जांच सीबीआई जांच वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हमारी पुलिस की टीम बेहतर काम कर रही है। अगर इस मामले में अन्य राज्यों से जुड़े आरोपियों और अन्य राज्यों की संलिप्तता देखी जाती है तो सीबीआई जांच भी एक बेहतर विकल्प है।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com