September 22, 2024

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने ‘हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल सम्पूर्ण काव्य साहित्य’ पुस्तक का किया विमोचन

देहरादून। हिमवंत कवि चंद्र कुंवर वर्त्वाल 103वें जन्मदिसवस उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में मनाया गया। हिमवंत कवि चन्द्रकुवंर बर्त्वाल शोध संस्थान ने इस बार भी पिछले कई सालों की भांति कवि का जन्मदिवस मनाया गया। कवि की हिन्दी साहित्य को सौंपी गई निधि पर चर्चा हुई। इस बार कवि की दुर्लभ कृतियों को संकलित कर एक सम्पूर्ण काव्य ग्रंथ प्रकाशित किया गया। जिसमें कवि की एक हजार से अधिक कविताएं है। यह कविताएं हिमालय के सौंदर्य से लेकर उपनिवेशवाद व साम्राज्यवाद के विरोध की है। इस पुस्तक में कई महत्वपूर्ण समीक्षाएं भी है।

उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित 103वें जन्म दिवस समारोह में यह प्रसन्नता व्यक्त की गई कि संस्थान ने पाठकों को कवि का साहित्य उपलब्ध कराया है।
संस्थान के सचिव एवं काव्रू संग्रह संकलन संपादक डॉ० योगम्बर सिंह बर्त्वाल ने कहा कि अब विद्यालयों, विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में कवि की रचनाएं लग गई है। कई शोध छात्र गहन अध्ययन करना चाहते है उनके लिए यह संकलन लाभकारी साबित होगा।

समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर साहित्य को उपलब्ध करवाने में साहित्यकार डॉ० योगम्बर सिंह बर्त्वाल का महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी मेहनत से वे सतत् रूप से हिमवंत कवि चंद्र कुंवर वर्त्वाल के साहित्य उन्नयन में बीते 40 सालों से काम करते आ रहे है। जिसमें उन्होंने कई स्थानों पर कवि की मूर्तियां भी स्थापित की है और महाविद्यालयों व विद्यालयों का नामकरण कवि के नाम पर किया गया है। उसी का एक स्वरूप जब मैं मुख्यमंत्री था तो मैन जनपद देहरादून के जिलाधिकारी कार्यालय स्थित सभाग का नामकर ऋषिपर्णा रखा। उन्होंने कहा कि जो रिस्पना का नाम ऋषिपर्णा आया है वह भी हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर के काव्य साहित्य से ही लिया गया है।

विशिष्ट अतिथि डॉ० पुष्पा खण्डूडत्री ने कवि की कविताओं का वाचन करते हुए उन्होंने कवि की तुलना प्रसाद, पंत व निराला से की। मुख्य वक्ताओं में समर भण्डारी, जगदीश कुकरेती, रानू बिष्ट, आदि हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल के बारे में सभागार में उपस्थित साहित्यकारों को बताया।


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