केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और तेलंगाना के मंत्री के बीच छिड़ा ट्विटर वॉर, जानिए क्या है मामला
तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव ने हाल ही में आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के लिए किसी भी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी नहीं दी है. इसपर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि तेलंगाना में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए राज्य से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है.
तेलंगना सरकार में आईटी और उद्योग मंत्री केटी रामाराव, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे हैं. उन्होंने रविवार को एक के बाद एक ट्वीट कर कहा था कि मुख्यमंत्री ने 16 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है और 13 अन्य पर काम चल रहा है. टीआरएस नेता ने कहा, “अब, मैं आपको बताता हूं कि हमारे पीएम मोदी जी ने तेलंगाना को कितने मेडिकल कॉलेज मंजूर किए – जीरो.”
मनसुख मंडाविया ने के टी रामराव के ट्वीट का दिया मुंहतोड़ जवाब
मंत्री केटी रामाराव के ट्वीट के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को एक ट्वीट में किया. उन्होंने अपने ट्विट में लिखा, “आपकी तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों के लिए कितने प्रस्ताव भेजे गए हैं? ‘जीरो” उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मंत्री मोदी ने कम से कम समय में सबसे अधिक सरकारी मेडिकल कॉलेजों को “पक्षपात के बिना, उन राज्यों में मंजूरी दी है जिन्होंने प्रस्ताव दिया था.”
मंडाविया के ट्विट पर केटीआर की ये आई प्रतिक्रिया
मंडाविया के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, केटीआर ने 2015 और 2019 में पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रियों के राज्य सरकार से किए दो कम्यूनिकेशन भी पोस्ट किए. इसी के साथ उन्होंने लिखा, “काश आपने जवाब देने से पहले समीक्षा की होती. 2015 और 2019 के तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्रियों के अनुरोधों पर आपके पूर्ववर्तियों की प्रतिक्रियाएं संलग्न हैं.” उन्होंने कहा, “तेलंगाना सरकार ने लगातार मेडिकल कॉलेजों के लिए अनुरोध किया है, लेकिन तथ्य यह है कि आपकी सरकार ने जीरो दिया है.”
केटीआर को जवाब देते हुए, मंडाविया ने भी अगस्त 2019 में अपने पूर्ववर्ती हर्षवर्धन द्वारा तेलंगाना से किए गए एक पिछला कम्यूनिकेशन को पोस्ट किया, जिसमें तेलंगाना के दो जिलों में मौजूदा जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में अपग्रेड करने के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया था. उन्होंने दिसंबर 2021 में संसद में दिए गए जवाब को भी अटैच किया.इसी के साथ मंडाविया ने लिखा,”पूरे सम्मान के साथ, कृपया मेरे पूर्ववर्ती के पत्र के तीसरे पैरा और हाल ही में संसद में दिए गए उत्तर को पढ़ें. कृपया यह समझने की कोशिश करें कि केंद्र ने हमेशा तेलंगाना राज्य से योजना के अनुसार डीपीआर के साथ एक औपचारिक प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया है.”
With all due respect, kindly read the 3rd para of the letter of my predecessor, and the reply recently given in the Parliament.
Kindly try to understand that center has always requested and guided Telangana state to send a formal proposal with DPR as per scheme requirements. https://t.co/Vh3yD2xt4l pic.twitter.com/AxT80qAkCl
— Dr Mansukh Mandaviya (मोदी का परिवार) (@mansukhmandviya) August 29, 2022
मंडाविया ने एक अलग ट्वीट में अंडरलाइन भी किया कि योजना की आवश्यकताओं के अनुसार एक साधारण पत्र भेजने और एक औपचारिक प्रस्ताव के बीच अंतर है.