उत्तराखण्डः कैबिनेट की मीटिंग खत्म, इन 18 प्रस्तावों पर लगी मुहर, पढ़े रिपोर्ट
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक अब समाप्त हो गई है। इस बैठक में आवास विकास के मद में 500 मीटर वर्ग तक के लिए लिए अपने भवन बनाने हेतु नेशनल या फिर राज्य के बिल्डिंग बाइलॉज का पालन कर सकते हैं। इसके अलावा जीएसटी के तहत विद्युत बिलों के भुगतान के लिए ‘बिल लाओ और इनाम पाओ’ स्कीम लाई गई है। वहीं, प्रधानाचार्य के पदों को 50 फीसदी प्रमोशन और 50 फीसदी प्रवक्ताओं की परीक्षा करवाकर भरा जाएगा।
कैबिनेट मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है कि आईआईटी रुड़की के तहत आने वाले शिक्षण संस्थान का नाम शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान रखा जाएगा। इसके साथ ही श्रीनगर सुमाड़ी में मौजूद स्कूलों का एकीकरण करके 5 राजीव गांधी नवोदय विद्यालय को सोसाइटी मोड में चलाया जाएगा। साथ ही बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान के तहत प्रभावितों के विस्थापन और मुआवजा देने के नियम को भी कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है।
इन बड़े प्रस्तावों पर लगी कैबिनेट की मुहरः
– आवास विभाग में जो बायलॉज भारत सरकार और उत्तराखंड के बिल्डिंग बायलॉज हैं उसमें से लाभार्थी कोई सा भी इस्तेमाल कर सकता है।
– जीएसटी के बिल के लिए वित्त विभाग ने एक नया प्रस्ताव ‘बिल ल’ लाया है जिसके तहत लॉटरी निकाला जाएगा और इनाम वितरित किया जाएगा।
– वन टाइम सेटेलमेंट को अगले कैबिनेट में लाने के निर्देश।
– नगर पालिका की नियमावली में किया गया संशोधन।
– खाद विभाग ने अपनी नियमावली में किया संशोधन जिस पर मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर।
– माध्यमिक शिक्षा विभाग में भर्ती और प्रमोशन में आ रहे अड़चनों के चलते प्रधानाचार्य के पदों को 50 फ़ीसदी पदोन्नति और 50 फीसदी परीक्षा कराकर भर्ती करा जाए।
– तकनीकी शिक्षा विभाग, शोध विभाग एवं प्रशिक्षण विभाग संस्थान का नाम बदला।
– जुडिसरी के कुछ नामों में किया गया बदलाव।
– प्रदेश में कुछ स्कूलों के विलय किए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर।
– उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में भर्ती किए जाने पर मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर।
– राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के 5 स्कूलों के संचालन के लिए अब मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि सोसाइटी के माध्यम से इसका संचालन किया जाएगा।
– बद्रीनाथ के मास्टर प्लान का कार्य सीएसआर फंड से किए जा रहे हैं पहले चरण का कार्य किया जा रहा है और दूसरे चरण का कार्य उसी कंपनी से किए जाने पर निर्णय लिया गया।