गढ़वाल विवि में विकिरण,आण्विक ऊर्जा और पर्यावरण पर आयोजित हुई संगोष्ठी
श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर के सीनेट हाल में ‘विकिरण से जैवविविधता पर प्रभाव’ को लेकर अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं एलुमिनाई एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्ठी आयोजित हुई।
इस अवसर पर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक (स्वास्थ्य और पर्यावरण समूह) डॉ डी के असवाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
उन्होंने विवि के छात्रों को श्विकिरण से जैवविविधता पर प्रभावश् के सम्बन्ध में छात्रों को समझाया व छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत में ज्यादातर लोग विकिरणों (रेडिएशन) से डरते है। जबकि विकिरण से डरने की कोई जरूरत नहीं है। आज अगर देश में किसानों की आय को बढ़ाना है तो इसके लिए परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देना होगा। इसके अलावा उन्होंने रेडिएशन कर बारे में कहा कि कैंसर जैसी बीमारियों के लिए रेडिएशन को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आज तक एक भी शोध ऐसा नहीं पाया गया जिसमें कैंसर विकिरण से हुआ हो।
उन्होंने कहा कि विकिरण जैव विविधता को प्रभावित करते हैं, इसलिए हमें संतुलन मेल करने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन से संतुलन बनाए रखने के लिए परमाणु ऊर्जा ही एकमात्र स्रोत है।
वहीं इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. महावीर सिंह नेगी ने मुख्य अतिथि का स्वागत सम्बोधन किया और छात्र छात्राओं को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 आशुतोष गुप्ता ने किया।
वहीं इस असवर पर प्रो आर एस पांडेय, डॉ अरुण शेखर बहुगुणा, डॉ वरुण बर्तवाल, डॉ कपिल पंवार, डॉ आलोक सागर आदि मौजूद रहे।