सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विपक्षी दलों के अंदर मंथन जारी
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विपक्षी दलों के अंदर मंथन जारी है। वामदलों और कांग्रेस की तरफ से मंगलवार को ऐसे संकेत दिए गए कि अगले एक-दो दिन में राज्यसभा के सभापति को इस आशय का प्रस्ताव सौंपा जा सकता है।
माकपा का दावा, एक-दो दिन में प्रस्ताव संभव
राज्यसभा में माकपा के सांसद टी.के. रंगराजन ने कहा कि तृणमूल, बीजद, डीएमके प्रस्ताव पर तैयार नहीं हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हम हर पार्टी से बात कर रहे हैं, लेकिन पार्टियां अपने दलों में विचार कर रही हैं। इसलिए हमें उम्मीद है कि एक-दो दिन में स्थिति साफ हो पाएगी। रंगराजन ने दावा किया कि अगले एक-दो दिन के भीतर आवश्यक 50 सांसदों के हस्ताक्षर जुटा लिए जाएंगे और प्रस्ताव सभापति को सौंप दिया जाएगा।
कांग्रेस भी तैयार!
महाभियोग प्रस्ताव पर हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोला है, लेकिन समझा जा रहा है कि उसके सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा अंतिम दौर में है। विपक्ष जल्द महाभियोग के प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है। संसद का बजट सत्र शुक्रवार को खत्म हो रहा है।
ममता का रुख साफ नहीं
महाभियोग प्रस्ताव की शुरुआत वामपंथी दलों की तरफ से की गई थी। वामदलों ने इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस से भी बात की थी। जिस दिन इस पर चर्चा हुई थी, उस दिन ममता बनर्जी दिल्ली में थीं। लेकिन उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया। अभी तक तृणमूल के सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। तृणमूल राज्यसभा एवं लोकसभा में एक महत्वपूर्ण दल है।
बीजद का साफ इनकार
सूत्रों के अनुसार बीजद ने तो इस पर हस्ताक्षर करने से साफ मना कर दिया है। कारण यह है कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा उड़ीसा के हैं। बीजद इसमें विपक्ष का साथ देकर प्रादेशिक राजनीति में विरोधी दलों का निशाना नहीं बनना चाहता। खबर यहां तक है कि नवीन पटनायक ने ममता बनर्जी से भी बात की है कि वह इससे दूर रहें। हालांकि ममता बनर्जी के इसमें साथ नहीं देने के और भी कारण हैं। जैसे यह वामदलों का कदम है, दूसरे, उनके कई सासंदों पर मुकदमे चल रहे हैं। वह न्यायपालिका से सीधे टकराव से बचना चाह रही हैं।