विधानसभा बैकडोर भर्ती मामलाः विस कर्मियों की बहाली पर ली जाएगी विधिक राय
देहरादून। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहाल हुए बर्खास्त कर्मचारियों पर विधानसभा सचिवालय विधिक राय ले रहा है। इस संबध में कर्मचारियों से कहा गया है कि विधिक राय लेने के बाद उन्हें उनके संदर्भ में होने वाली कार्रवाई के बारे में सूचित किया जाएगा। हालांकि बैकडोर नियुक्ति के बाद नियमित कर्मचारियों पर अभी तक विधिक राय नहीं ली गई है, जिससे विधानसभा सचिवालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों के मामले के तूल पकड़ने के बाद पिधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी ने नियुक्तियों की जांच कराई थी। जांच के लिए बनी समिति ने विधानसभा में हुई सभी नियुक्तियों को अवैध बताते हुए अनियमित कर्मचारियों को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। जबकि बैकडोर नियुक्ति के बाद नियमित कर्मचारियों पर विधिक राय लेने को कहा था।
समिति की रिपोर्ट के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 2016 के बाद नियुक्त हुए 250 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। इस फैसले के बाद कर्मचारी हाईकोर्ट चले गये थे। कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगा दी और शर्तो के साथ कर्मचारियों को बहाल करने के निर्देश दिए। कोर्ट का फैसला आने के बाद अब तक करीब 132 कर्मियों को दोबारा बहाल किया जा चुका है। लेकिन विधानसभा की ओर से उन्हें दिए जा पत्र में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश को लेकर विधिक राय ली जा रही है। राय मिलने के बाद, उनके संदर्भ में हुई कार्रवाई को लेकर अवगत कराया जाएगा। इस पत्र से कर्मचारी फिर परेशान है।
विधानसभा में बैकडोर नियुक्ति के बाद नियमित हो चुके कर्मचारियों को लेकर समिति की सिफारिश के बाद भी विधिक राय न लिए जाने से विधानसभा सचिवालय पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बर्खास्तगी के खिलाफ हाईकोर्ट गए कर्मियों का आरोप है कि विधानसभा सचिवालय उनके साथ पक्षपात कर रहा है। नियमित हो चुके कर्मचारियों को बचाने के प्रयास किए जा रहे है जबकि उन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद भी विधिक राय लेकर बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है। उनका ये भी आरोप है कि उन्हें बाद में आफिस आने को कहा जा रहा है।