मानदेय शिक्षा मित्रों ने किया कार्यबहिष्कार, सौतेला व्यवहार किये जाने का लगाया आरोप
देहरादून। सालों से प्रदेश की शिक्षा को संभाले मानदेय शिक्षा मित्र 2 नवम्बर से कार्य बहिष्कार पर चले गये हैं। इन मानदेय शिक्षा मित्रों ने सरकार पर उनके साथ दोहरा मापदण्ड अपनाने का आरोप लगाया है। मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों ने प्रदेश सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। जिससे मजबूर होकर उन्हें कार्यबहिष्कार पर जाना पड़ा है।
डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षा मित्र ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि साथ लगातार कार्यरत् शिक्षामित्रों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। समस्त मानदेय प्राप्त शिक्षा मित्रों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी कारण प्रदेश के समस्त शिक्षा मित्रों को कार्य बहिष्कार में जाना पड़ा।
संगठन ने कहा कि सरकार की ओर से औपबंधिक शिक्षा मित्रों को 50 हजार रूपये मानदेय दिया है जा रहा है। जबकि समान कार्य और समान योग्यता के लिए मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों को मात्र 20 हजार मानदेय दिया जा रहा है। जो मानदेय शिक्षामित्रों के साथ घोर अन्याय है।
संगठन ने कहा कि औपबंधिक शिक्षा मित्रों के समान जब तक उन्हें मानदेय नहीं दिया जाता है तब तक समस्त शिक्षा मित्र कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। संगठन ने शिक्षा मित्रों की एक सूत्री मांग पूरी ना होने तक प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
मानदेय शिक्षा मित्र संगठन ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन को जब भी शिक्षा मित्रों की सेवाओं की आवश्यकता होती है तो उन्हें सहायक अध्यापक की श्रेणी में दर्ज किया जाता है लेकिन काम निकलते ही शिक्षा मित्र सम्बोधित किया जाता है।
कार्य बहिष्कार करने वालों में मुन्नी देवी, माधवी देवी, मुन्नी नेगी, सुलेखा रावत, मीना राणा, सुरेन्द्र बंगारी, सुशीला, शकुंतला, दिनेश नेगी, भावना भण्डारी, रेखा डोबाल, पूनम असवाल आदि लोग उपस्थित थे।
वहीं अपनी एक सूत्री मांग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चंद्र भट्ट की अगुवाई में शिक्षा मित्रों ने निदेशक प्रा०शि० से मुलाकात की। और उनके सामने शिक्षा मित्रों को औपबंधिक शिक्षा मित्रों के समान वेतन भुगतान किये जाने की मांग रखी। इस दौरान बलबीर रावत, जगदम्बा जोशी, माधी, हीरा वल्लभ जोशी, हिमाला, शकुंतला राठौर आदि उपस्थित थे।