रोड बनाने के लिए प्लास्टिक कचरे का भी इस्तेमाल किया जाएगा- केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश की सड़कें बनाने के लिए अब नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। लखनऊ में बुधवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की बैठक में डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि रोड बनाने के लिए प्लास्टिक कचरे का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कचरे से सड़क बनाए जाने से जहां एक ओर प्रदूषण की रोकथाम होगी, वहीं दूसरी ओर सड़कें लंबे समय तक चलेंगी।
केशव प्रसाद मौर्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मुख्यालय में समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक कचरे का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग सड़क बनाने में करें।
पीडब्ल्यूडी विशेष सचिव राजशेखर ने बताया कि सामान्य सड़कों की उम्र लगभग पंद्रह वर्ष होती है लेकिन प्लास्टिक कचरे से बनाई गई सड़कें ज्यादा समय तक सही रहेंगी। एक अनुमान है कि देश में प्रतिदिन लगभग 15000 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। लगभग 9000 टन प्लास्टिक री-साइकल होता है। बाकी हिस्सा बेकार हो जाता है और वह पर्यावरण के लिहाज से बहुत हानिकारक होता है।
हाइवे से जुडे़ंगे मजरे और गांव
डेप्युटी सीएम ने निर्देश दिए कि इस साल बन रही सड़कें और भविष्य में बनाए जा रहे एक्प्रेस-वे, स्टेट हाइवे तथा अन्य चौड़ी सड़कों से उनके किनारे पांच किलोमीटर की दूरी पर पड़ने वाले गांव और मजरों को जोड़ा जाए। गांवों और मजरों को हाइवे से जोड़ने के लिए पक्की सड़कें बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि सड़कें बनने से ग्रामीण इलाके मुख्य मार्गों से जुड़ जाएंगे और उन्हें सुगम यातायात मिल सकेगा।