September 22, 2024

सर्दियों में सीमा पर चीन रच सकता है साजिश, पूर्वी लद्दाख में तैनात किए गए 50 हजार जवान

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन लगातार अपनी साजिशों को अंजाम देता रहता है. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़क के बाद चीन की सेना से कई दौर की बातचीत के बाद अब संवेदनशील जगहों से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी थी. लेकिन अब सर्दियां आ गई हैं. ऐसे में भारतीय सेना चीन को लेकर अलर्ट है. इस देखते हुए सेना ने पूर्वी लद्दाख में 50 सैनिकों की तैनाती कर दी है. साथ ही सर्दियों में उनके लिए हथियार और अन्य साजोसामान का भी इंतजाम कर दिया है.

खास थर्मो टेंट भी दिए गए

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में मौसम बेहद ठंडा होता है. ऐसे में जवानों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें तीन लेयर वाली वर्दी दी गई है. इसके साथ ही अग्रिम चौकियों पर सुरक्षा में तैनात जवानों को सर्दी के निपटने के लिए थर्मो टेंट भी मुहैया कराए गए हैं. दूसरी ओर चीन ने शिनजियांग और तिब्बत प्रांतों को जोड़ने वाले राजमार्ग से लगे पुलों और गांवों का नाम अपने उन चार सैन्य कर्मियों के नाम पर रखा है, जो 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में मारे गए थे.

भारत खरीद रहा रक्षा उत्पाद

सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक इन सैन्यकर्मियों के नाम अब तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र तक जी-219 राजमार्ग के साथ सड़क के संकेतक पर दिखाई देते हैं. खबर में कहा गया है कि उन सैनिकों के गृहनगर के अलावा जी-219 राजमार्ग के साथ 11 पुलों का नामकरण इन सैन्यकर्मियों के नाम पर किया गया है. वहीं भारतीय सेना ने चीन से सटी सीमा पर अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए घुसपैठ-विरोधी 120 युद्धक सामग्री और 10 हवाई लक्ष्यीकरण प्रणाली की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अधिकारियों के मुताबिक घुसपैठ-विरोधी युद्ध सामग्री और हवाई लक्ष्यीकरण प्रणाली को ‘भारतीय खरीद’ श्रेणी के दायरे के भीतर त्वरित प्रक्रिया के तहत खरीदा जा रहा है.


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com