उत्तर प्रदेश: विरोध के चलते प्रदेश सरकार ने बिजली निजीकरण से कदम पीछे खींचे
बिजली कर्मियों और अभियंताओं के जबर्दस्त विरोध के चलते प्रदेश सरकार ने बिजली के निजीकरण से कदम पीछे खींच लिए हैं। लखनऊ समेत 5 शहरों की बिजली व्यवस्था के निजीकरण और सात वितरण मंडलों में इंटीग्रेटेड सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति का फैसला फिलहाल टाल दिया गया है।
कर्मचारियों और अभियंताओं के आंदोलन के चलते गर्मी में बिजली संकट पैदा होने की आशंका पैदा हो गई थी। एक दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद सरकार की पहल पर बृहस्पतिवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को फिर वार्ता के लिए बुलाया गया था।
इन शहरों में थी तैयारी
कैबिनेट की 16 मार्च को हुई बैठक में लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, मुरादाबाद व गोरखपुर की बिजली व्यवस्था फ्रेंचाइजी को सौंपने का फैसला किया गया था।