कारगर सिद्ध हो रहा है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का मोबाइल ऐप
अधिकारियों के पास चक्कर काटने, जनता दरबार में हाजिरी लगाने के मुकाबले कई मामलों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का मोबाइल ऐप कारगर सिद्ध हो रहा है. यहां जारी प्रेस विज्ञप्तियों के अनुसार सीएम के मोबाइल ऐप पर शिकायत करने के बाद टिहरी में एक बुजुर्ग महिला के घर बीपीएल स्कीम के तहत बिजली का कनेक्शन लग गया तो एक दिव्यांग महिला के घर पानी का कनेक्शन.
सीएम उत्तराखंड के मोबाइल एप्प पर 3 अप्रैल को घनसाली निवासी प्यारचन्द कुमाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि, बिजली विभाग के दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद भी उनका बीपीएल स्कीम के तहत बिजली का कनेक्शन नहीं लग रहा है. कुमाई के अनुसार उनकी माता के नाम पर लगने वाले इस कनेक्शन के लिए उनके सारे दस्तावेज सही हैं और वह रोज़ बिजली विभाग के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. बिजली विभाग द्वारा, मीटर उपलब्ध नहीं है, का बहाना बनाकर उन्हें टाला जा रहा है.
सीएम मोबाइल ऐप पर यह शिकायत प्राप्त होते ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने UPCL को इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए. इसके बाद UPCL में टिहरी के सुपरिन्टेन्डेन्ट इंजीनियर ने घनसाली के बिजली विभाग के अधिकारीयों को 24 घंटे के अन्दर कनेक्शन लगाने के निर्देश दिए.
इसके बाद घनसाली बिजली विभाग तुरंत हरकत में आया और प्यारचंद कुमाई के घर कनेक्शन लगा दिया गया. इस तरह सिर्फ़ 16 घंटे के भीतर ही इस समस्या का समाधान हो गया.
इसी तरह टिहरी के चम्बा में दिव्यांग बुर्जुग महिला आनन्दी उनियाल के पानी के नए कनेक्शन की समस्या का त्वरित समाधान हुआ. आनंदी को काफी समय से पानी गांव के दूसरे स्रोत से लाना पड़ रहा था. उन्होंने अपनी समस्या नगरपालिका परिषद टिहरी की सभासद उर्मिला महर सिलकोटी को बताई. महर ने दिव्यांग बुर्जुग महिला की समस्या के निदान हेतु मुख्यमंत्री ऐप पर भेजी.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने तुरंत एमडी उत्तराखण्ड पेयजल संस्थान को कार्रवाई के निर्देश दिए तो जल संस्थान ने बता कि पेयजल योजना जल निगम के नियंत्रण में है. इसके बाद एमडी उत्तराखण्ड पेयजल निगम को इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया.
सरकारी तंत्र हरकत में आया और 31 मार्च को भेटुड़ी गांव में आनंदी उनियाल के घर पानी संयोजन सारज्यूला पम्पिंग योजना के तहत उपलब्ध करा दिया गया. इसके बाद आनंदी उनियाल ने कहा कि पानी का कनेक्शन लगवाने के लिए कई जगह गुहार लगा चुकी थी और रोज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही थीं.