गढ़वाल विश्वविद्यालय में मनाया गया संविधान दिवस
श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० अन्नपूर्णा नौटियाल, मुख्य वक्ता डीएवी कॉलेज देहरादून के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ डी एन भटकोटी, श्रीनगर के उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह, मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष हिमांशु बौड़ाई ने संविधान पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो० अन्नपूर्णा नौटियाल ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ करके किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमें अधिकार और कर्तव्य दोनो में समन्वय की भावना से अच्छे समाज निर्माण की सीख देता है।
राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० एम०एम०सेमवाल ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। यहां हजारों सालों पहले से शासन व्यवस्था में लोकतंत्र की जड़े मिलती है। इन्ही मजबूत और गहरी जड़ों का ही परिणाम है कि हमें आधुनिक भारत ने लोकतंत्र को स्थापित और विकसित करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
मुख्य वक्ता डॉ डी० एन० भटकोटी ने कहा कि लोकतंत्र केवल मतदान करना या राजनैतिक रैलियां नहीं है बल्कि यह अपने आस पास के समाज, संस्कृति को समझने का अवसर देता है। यह मनुष्य को समझने का अवसर है जो लोकतंत्र को पोषित करता है।
मानविकी एवं समाज विज्ञान विभाग की संकायाध्यक्ष प्रो० हिमांशु बौड़ाई ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना हमारी विरासत की प्रतीक है। हमें इन प्रतीकों को बचाने की आवश्यकता है। वहीं उपजिलाधिकारी ने कहा कि भारत का संविधान हमारे सामाजिक परिवर्तन का आधार है। यह समय के साथ परिवर्तित होने वाला है जिसमे कई प्रावधान लचीले और कई कठोर है। जो संविधान के विकासशील होने का प्रतीक है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेश कुमार ने किया तथा डॉ आशुतोष गुप्ता ने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों व वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में प्रो० राकेश कुंवर, प्रो० किरन डंगवाल, प्रो० वी० सी० शर्मा, प्रो० शकुंतला कुंवर, डॉ राकेश नेगी, डॉ सुभाष लाल, डॉ हेमलता वर्मा, राजेंद्र प्रसाद, छात्रसंघ के उपाध्यक्ष रोबिन सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के स्नातक व स्नातकोत्तर के छात्र, एनएसएस के स्वयंसेवी, डॉक्टर आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के छात्र तथा शोध छात्र मौजूद रहे।