डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर से जुड़े बैंक खातों में बढ़ते फ्रॉड के मामलों को लेकर RBI ने किया बैंकों को सावधान
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर से जुड़े बैंक खातों में फ्रॉड की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. जिसके बाद बैंकिंग सेक्टर की रेग्युलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने फ्रॉड के ऐसे बढ़ते मामलों को लेकर बैंकों को आगाह किया है. आरबीआई ने बैंकों से विजिलेंस बढ़ाने के साथ जांच पड़ताल की कार्रवाई को सख्त करने को कहा है. हाल ही में आरबीआई के साथ बैंकों की जो बैठक हुई थी उसमें बैंकों को इसे लेकर सावधान रहने को कहा गया था.
आरबीआई ने बैंकों से संदेहास्पद विड्रॉल या ट्रांजैक्शन पर नजर रखने को कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों के अधिकारियों ने कहा है कि कई खातों में एक साथ बड़े पैमाने पर विड्रॉल की बात सामने आई है जो ये संकेत दे रहा है कि कोई एक व्यक्ति या संस्था इन खातों को ऑपरेट कर रहा है. ऐसी भी बातें सामने आई है कि सरकार की योजनाओं के कुछ लाभार्थी स्थानीय कर्ज दाताओं से कर्ज ले लेते हैं और गारंटी के तौर पर अपने बैंक का पासबुक और एटीएम कार्ड उन्हें सौंप देते हैं.
ये कर्जदाता लाभार्थी के खाते में पैसे आने के बाद पैसे निकाल लेते हैं. बैंक अधिकारियों के मुताबिक पासबुक के जरिए ऐसे विड्रॉल पर नजर रखने के लिए कहा गया है लेकिन उन्होंने बताया कि एटीएम से होने वाले विड्रॉल पर नजर रखना संभव नहीं है.
सरकार अपनी वेलफेयर स्कीमों के तहत योजना के लाभार्थियों को उनके बैंक खाते में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत सब्सिडी या सहायता राशि ट्रांसफर करती है. डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए सरकार ने 310 स्कीमों में लाभार्थियों के खातों में 26 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा ( 26,02,278 करोड़) ट्रांसफर कर चुकी है. 2022-23 वित्त वर्ष में 3.43 अरब ट्रांजैक्शन में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत 3,34,261 करोड़ रुपये ट्रासंफर किया जा चुका है.