September 22, 2024

कभी अखबार बेच किया गुजारा, अब G-20 बैठक में कमाया ‘नाम’, अनोखी है ये कहानी

गरीबी और मुफलिसी से निकला हुआ व्यक्ति अपने मेहनत के दम पर कुछ ऐसा कर जाता है, जिसे सुनने के बाद हर किसी को उसके कार्य क्षमता और प्रतिभा पर सोचने को मजबूर होना पड़ता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले प्रतीक जायसवाल ने. प्रतीक को पिछले दिनों अंडमान निकोबार में G-20 समूह के देशों की बैठक में इवेंट मैनेजमेंट का हिस्सा बनने का मौका मिला. प्रतीक के पिता पिछले 30 सालों से कपड़े की दुकान पर सेल्समैन का काम करते हैं.

परिवार की आर्थिक हालात ज्यादा ठीक नहीं रही है. गरीबी और संघर्ष के दौर में प्रतीक ने हार ना मानते हुए इंटर पास किया और फिर गाजीपुर के एक होटल में काम करना शुरू किया. यहां काम करने के दौरान केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से संचालित दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन में उन्होंने आवेदन किया. मेरिट के आधार पर प्रतीक को दाखिला भी मिल गया और इसी के तहत उन्हें जी-20 कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर मिला.

बड़े पैकेज के लिए चुना होटल मैनेजमेंट

प्रतीक जयसवाल उर्फ हनी गाजीपुर के नवाबगंज इलाके के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम ओम प्रकाश जयसवाल है. परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से प्रतीक ने काफी दिनों तक सुबह-सुबह अखबार बांटने का भी काम किया है. इसके साथ ही उन्होंने गाजीपुर के द ग्रैंड पैलेस होटल में भी काम किया है. इसके बाद उन्होंने होटल मैनेजमेंट कोर्स करने की सोची. उन्होंने सोचा कि अगर वह होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर लेते हैं तो उन्हें बेहतर प्लेसमेंट और बड़े पैकेज की नौकरी मिल सकती है.

इससके लिए वह केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से संचालित दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन में उन्होंने आवेदन किया. मेरिट के आधार पर प्रतीक को एडमिशन मिला. अब प्रतीक और उनके परिजन के सामने दाखिले के समय दिए जाने वाले फीस के व्यवस्था करने की चुनौती थी. हालांकि, परिवार ने जैसे-तैसे पैसों की व्यवस्था की और उन्हें पढ़ने के लिए भेजा.

दिल्ली से पहुंचे अंडमान

प्रतीक ने बताया कि जी-20 सम्मेलन के लिए उनके ग्रुप के कुल पांच लोगों का सिलेक्शन किया गया था, जिसमें से उनका भी नाम था. इसके लिए सभी 5 लोगों को दिल्ली से से अंडमान निकोबार ले जाया गया, जो उनके लिए एक सपना था. उन्होंने बताया कि उस सम्मेलन में बहुत सारे विदेशी मेहमान थे जिसके सामने उन्हें अपने प्रतिभा का लोहा भी मंगवाना था और उन्होंने अपनी प्रतिभा के अनुसार देशी और विदेशी मेहमानों के सामने अपने साथियों के साथ पूरे दमखम के साथ अपना प्रेजेंटेशन दिया.


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