उत्तराखण्डः कैबिनेट की मंजूरी के बाद भी शासनादेश नहीं हुआ जारी, अतिथि शिक्षक बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर
देहरादून। प्रदेश के गेस्ट टीचरों ने लंबित मांगों को लेकर मंगलवार से शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। धरने पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि उनके पदों को खाली न मानने और उनकी गृह जिले से तैनाती का प्रस्ताव कैबिनेट में आने के बाद भी इसका शासनादेश नहीं हुआ। उनके सुरक्षित भविष्य के लिए भी कोई नीति नहीं बनी। अतिथि शिक्षकों ने आरोप लगाया कि लंबित मांगों की अनदेखी और उनके हितों के साथ अन्याय किया गया है। शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठे शिक्षकों ने तदर्भ नियुक्ति की मांग की।
उन्होंने कहा कि विभाग में उनकी आठ साल की सेवा हो चुकी है। इसके बाद भी आए दिन शिक्षकों की सेवाएं प्रभावित हो रही है। हाल ही में उत्तरकाशी जिले में एक नियमित नियुक्ति के शिक्षक की पदोन्नति से अतिथि शिक्षक की सेवा प्रभावित हुई। प्रदेश के कुछ अन्य जिलों का भी कुछ यही हाल है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि सरकार कैबिनेट के चार जुलाई 2021 के प्रस्ताव पर अमल कराने के साथ ही गेस्ट टीचरों की तदर्थ नियुक्ति दे।
उन्होंने बताया कि लंबित मांगों को लेकर शिक्षक पिछले कई सालों से विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद भी उनकी मांगों की अनदेखी जारी है। कहा कि उनकी सभी मांगों पर जल्द अमल न हुआ तो संगठन आंदोलन तेज करने को बाध्य होगा।
उधर शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने गेस्ट टीचरों को कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन गेस्ट टीचर नहीं माने। उन्होंने कहा कि उनके मसले पर जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा। धरना देने वालों में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष आशीष जोशी, प्रदेश मीडिया प्रभारी अजय भारद्वाज, प्रदेश कोषाध्यक्ष संजय नौटियाल आदि शामिल रहे।