बड़ी ख़बर: सुप्रीम कोर्ट से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को क्लीन चिट, सीबीआई जांच रद्द
देहरादून। देश की शीर्ष अदालत ने त्रिवेन्द्र सरकार बनाम उमेश कुमार मामले में सीबीआई जांच के फैसले को बुधवार को रद्द कर दिया है। इस प्रकार खानपुर विधायक उमेश कुमार पर राष्ट्रद्रोह की राज्य सरकार की एसएलपी पर सुनवाई यथावत जारी रहेगी।
बता दें कि मौजूदा खानपुर विधायक पत्रकार उमेश शर्मा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयास का खुलासा त्रिवेंद्र सरकार के दौरान हुआ था। उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा उत्तराखंड पुलिस ने लगाया था। इस मामले में उच्च न्यायालय ने खानपुर विधायक उमेश कुमार के हक में फैसले देते हुए त्रिवेन्द्र रावत सरकार के खिलाफ़ भ्रष्टाचार की सीबीआई् जांच का फैसला दिया था।
तत्कालीन चर्चित पत्रकार और मौजूदा विधायक खानपुर उमेश कुमार पर उत्तराखंड के कद्दावर नेताओं और नौकरशाहों के स्टिंग कर ब्लैकमेल करने की साजिश रचने के आरोप लगते रहे हैं।
ये मामला पूरा मामला
नैनीताल हाईकोर्ट ने 27 अक्तूबर 2020 को उमेश जे कुमार बनाम उत्तराखंड राज्य मामले में राजद्रोह का मुकदमा निरस्त करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ शिकायतों की सीबीआई से जांच के आदेश दिए थे। इस फैसले के विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। इसमें सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि राजद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।
इस मामले में नया मोड़ 2022 में आया। उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल उत्तराखंड सरकार बनाम उमेश कुमार शर्मा और अन्य मामले में सरकार की तरफ से दायर एसएलपी वापस लेने का फ़ैसला लिया। इस संबंध में पत्र 26 सितंबर को लिखा जा चुका था। 18 अक्टूबर को राज्य सरकार ने एसएलपी वापस लेने की अर्जी लगाई थी। अपनी ही पार्टी की सरकार का यह फैसला त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए चुभने वाला था। वहीं उमेश कुमार के लिए बड़ी राहत की खबर थी। सरकार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में दो एसएलपी पहले से चल रही हैं। इस एसएलपी को लेकर सरकार को अधिवक्ताओं पर मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है।
वहीं 19 नवंबर को उत्तराखंड शासन की तरफ से दोबारा पत्र भेजा गया। इस पत्र में एसएलपी वापस लेने के फैसले को जनहित में निरस्त करने की बात लिखी गई।