जोशीमठः भू-धसाव के अध्ययन को केन्द्र सरकार ने बनाई कमेटी, सीएम धामी करेंगे प्रभावित क्षेत्र का दौरा
देहरादून। जोशीमठ के लोग अपना घर छो़ड़ पूस की सर्द रातों में सरकारी ठिकानों में रात गुजारने को मजबूर हो चले हैं। पिछले कई दिनों से जोशीमठ में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और मकानों में बड़ी-बड़ी दरार आने की खबरें सामने आई हैं। जोशीमठ में जहां एक तरफ घरों में दरारें पड़ रही हैं तो वहीं जमीन के अंदर से जगह-जगह पानी के फव्वारे फूट रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक इस भू धंसाव से नगर क्षेत्र के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। नगर पालिका की ओर से सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है।
जोशीमठ में जमीन धंसने के मामले में कमेटी गठित
सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी गठित की है। ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी से स्टडी करेगी। जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जल शक्ति मंत्रालय की ओर से ज्ञापन में कहा गया कि समिति बस्तियों, इमारतों, हाईवे, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणाली पर भू-धंसाव के प्रभावों का पता लगाएगी।
सीएम धामी करेंगे जोशीमठ का दौरा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री जमीन धंसने की घटना का जायजा लेते हुए प्रभावित लोगों से मुलाकात भी करेंगे। इससे पहले शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में इस मसले को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में राज्य के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी भी शामिल हुए। पुष्कर धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जान बचाना पहली प्राथमिकता है।
उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। बता दें कि भूकंपीय गतिविधि वाले कई घरों में दरारें आ रही हैं। प्रदेश के चमोली जिले में 6,000 फीट की ऊंचाई पर, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के मार्ग स्थित शहर, उच्च जोखिम वाले भूकंपीय जोन-5 में आता है।