घुघुती महोत्सव में एक मंच में दिखाई दी उत्तराखण्ड संस्कृति झलक
देहरादून। प्राउड पहाड़ी संस्था की ओर से आयोजित घुघुती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। संस्था की ओर से आयोजित यह छठवां घुघुती महोत्सव था जिसमें उत्तराखंड के तमाम लोक कलाकार और समाज सेवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
महोत्सव के पहले सत्र में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने महोत्सव की शुरुआत की जबकि दूसरे सत्र में विशिष्ट अतिथि राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कार्यक्रम का समापन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के कलाकारों ने मांगल गीत के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद जौनसार, कुमाऊंनी, गढ़वाली एवं नेपाली गीतों में हुए नृत्यों ने कार्यक्रम का समा बांध दिया।
लोकगायक रजनी कांत सेमवाल ने अपने गीतों से दूसरे सत्र की शुरुआत की और अपने प्रसिद्ध गीत ‘भाग्यनि बौ’ से दर्शकों को नाचने में मजबूर कर दिया।
लोकगायक सौरभ मैठाणी ने शिव जी की जागर गा कर दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया। हुड़का वादक भास्कर भौर्याल ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन कर हिमालय क्षेत्र के विलुप्त होने की कगार में खड़े लोकसंस्कृति के प्रति चिंता जाहिर की।
कवि एवं लेखक अनिल कार्की ने कार्यक्रम में अपनी प्रसिद्ध कविताओं का पाठ किया एवं अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज मे फैली कुरीतियों पर कटाक्ष किया।
कुमाऊ की पहली फिल्म ‘मेघा’ के गीतकार दिवान कनवाल ने अपने लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी। लोकगायिका पूनम सती, हरीश महरा ने भी अपने गीतों से दर्शकों पर छाप छोड़ी।
कार्य्रकम में प्राउड पहाड़ी के संरक्षक जयदीप सकलानी एवं रघुबीर बिष्ट ने विभिन्न समाजसेवियों को शॉल पहनाकर सम्मानित किया। मंच का संचालन नेहा सिलवाल,आरजे मान ने किया ।
कार्यक्रम में प्राउड पहाड़ी संस्था के अध्यक्ष गणेश धामी, कार्यक्रम संयोजक विनोद बगयाल, कोषाध्यक्ष ह्रदयेश शाही, सचिव गौरव नेगी, कॉर्डिनेटर प्रकाश नेगी, कॉर्डिनेटर पूजा बिष्ट, प्रबंधक देवेंद्र बिष्ट, मीडिया कॉर्डिनेटर लूशुन टोडरिया, राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, मोहन रावत, पुष्कर नेगी, साक्षी कैंतुरा, दिया बिष्ट प्रगति जोशी, हर्षिता सनवाल, वंशिका, किरन शर्मा आदि मौजुद रहे।